EXPLAINER: पूर्वोत्तर भारत को करीब लाएगा नया भारत-बांग्लादेश रेल लिंक - जानें कैसे...?

EXPLAINER: पूर्वोत्तर भारत को करीब लाएगा नया भारत-बांग्लादेश रेल लिंक - जानें कैसे...?

अखौरा-अगरतला क्रॉस-बॉर्डर रेल लिंक के ज़रिये कोलकाता से अगरतला तक का सफ़र पहले के 38 घंटे के मुकाबले अब सिर्फ़ 12 घंटे में हो सकेगा...

नई दिल्ली: भारत और बांग्लादेश ने सात दशक से भी ज़्यादा अंतराल के बाद पूर्वोत्तर भारत के राज्य त्रिपुरा के माध्यम से रेल लिंक स्थापित किया है. अखौरा-अगरतला क्रॉस-बॉर्डर रेल लिंक न सिर्फ़ कोलकाता और अगरतला जैसे शहरों के बीच सफ़र के वक्त को बेहद कम कर देगा, बल्कि इससे व्यापार में भी सुधार होगा. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना ने बुधवार को संयुक्त रूप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये तीन भारतीय सहायता-प्राप्त विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया है.

भारत-बांग्लादेश रेल लिंक के बारे में 5 खास बातें...

  1. मौजूदा समय में, पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से त्रिपुरा की राजधानी अगरतला तक ट्रेन से सफ़र करने वालों को पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्सों से होते हुए असम में गुवाहाटी तक लम्बे, घुमावदार मार्ग पर जाना पड़ता है, और उसके बाद यह मार्ग दक्षिणी दिशा में त्रिपुरा की ओर मुड़ता है. इस सफ़र में लगभग 38 घंटे लगते हैं.

  2. अखौरा-अगरतला क्रॉस-बॉर्डर रेल लिंक शुरू हो जाने के बाद कोलकाता से अगरतला जाने वाली ट्रेनें बांग्लादेश होकर जा सकेंगी. दरअसल, हमारा पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश हमारे देश के उत्तर-पूर्वी हिस्से और शेष भारत के बीच ज़मीनी तौर पर मौजूद है. अब तक शेष भारत और पूर्वोत्तर भारत एक छोटे-से कॉरिडोर के ज़रिये जुड़ा हुआ है, जो पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से गुज़रता है, और इसे आमतौर पर 'चिकन नेक' के नाम से जाना जाता है.

  3. अब सफ़र का वक्त भी अतीत में लगने वाले 38 घंटे से घटकर सिर्फ़ 12 घंटे रह जाएगा. समय की इस बचत के परिणामस्वरूप यात्रियों की तादाद में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. जो लोग बहुत ज़्यादा दूरी की वजह से इस मार्ग पर सफ़र करने से बचते थे, उन्हें भी नया रूट ज़्यादा व्यावहारिक और सुविधाजनक लगेगा.

  4. इस नए मार्ग की बदौलत न सिर्फ़ यात्रियों को फ़ायदा होगा, बल्कि इलाके में व्यवसाय भी फले-फूलेंगे, क्योंकि ये ट्रेनें पहले से ज़्यादा मात्रा में ज़्यादा वज़न वाला माल ढो सकती हैं.

  5. त्रिपुरा में 5.46 किलोमीटर तथा बांग्लादेश में 6.78 किलोमीटर दोहरी गेज वाली रेल लाइन सहित इस रेल लिंक की कुल लंबाई 12.24 किलोमीटर होगी.