Explainer : "10 साल की जेल और एक करोड़ का जुर्माना" - पेपर लीक और नकल को लेकर केंद्र का नया बिल

शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने NDTV से बातचीत में कहा कि परीक्षा के संचालन से जुड़े सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही भी तय की जाएगी.

Explainer :

केंद्र के इस विधेयक में सभी सार्वजनिक परीक्षाओं को शामिल करने का प्रस्ताव है. (प्रतीकात्‍मक)

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार (Central Government) ने परीक्षा प्रश्‍न पत्र लीक (Paper Leak) करने या उत्तर पुस्तिकाओं के साथ छेड़छाड़ जैसी गड़बड़ियों से सख्ती से निपटने के लिए एक नया बिल सोमवार को लोकसभा में पेश किया है. बिल में प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं से सख्ती से निपटने के लिए किसी भी तरह के संगठित अपराध, माफिया और साठगांठ में शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान शामिल किया गया है, फिर चाहे वह वह स्कूल परीक्षा हो, कॉलेज प्रवेश परीक्षा हो या सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन. 

लोक परीक्षा (अनुचित साधन का निवारण) विधेयक 2024 के तहत सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर परीक्षा प्रश्‍न पत्र लीक करने या उत्तर पुस्तिकाओं के साथ छेड़छाड़ करने वालों पर 10 साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.

गौरतलब है कि इस विधेयक के तहत सभी अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-शमनयोग्य होंगे, जिसका अर्थ है कि पुलिस को खुद कार्रवाई करने (और बिना वारंट के संदिग्धों को गिरफ्तार करने) का अधिकार होगा. साथ ही आरोपी जमानत का हकदार नहीं होगा और कथित अपराधों को समझौते के माध्यम से नहीं सुलझाया जा सकता. 

सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही भी तय की जाएगी : केंद्रीय मंत्री 

शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि परीक्षा के संचालन से जुड़े सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही भी तय की जाएगी. उन्‍होंने कहा, "कोई भी परीक्षा सभी उम्मीदवारों के वास्तविक स्तर, उनके ज्ञान और मानसिक क्षमता का परीक्षण करना चाहती है. यदि किसी एक व्यक्ति या लोगों के समूह को अनुचित लाभ होता है तो यह देश के विकास के लिए अच्छा नहीं है." 

उन्‍होंने कहा, "हो सकता है कि वह उच्च अंकों के साथ उत्तीर्ण हो जाए, लेकिन वह देश के विकास में कुछ भी योगदान देने में सक्षम नहीं हो सकते हैं. इसलिए लंबे समय में हम 2047 तक सक्षम नागरिक चाहते हैं." 

उन्‍होंने कहा, "इसलिए हमें प्रतियोगी परीक्षाओं में कुछ लोगों को अनुचित लाभ पहुंचाने पर रोक लगाने के लिए यह विधेयक लाए हैं."

केंद्रीय मंत्री ने एनडीटीवी को बताया कि नया बिल प्रश्नपत्र लीक करने के दोषी पाए गए सरकारी कर्मचारियों और तीसरे पक्ष की एजेंसियों (प्रतियोगी परीक्षाओं की मेजबानी करने वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म सहित) को भी कवर करेगा. 

इससे पहले, बजट सत्र की शुरुआत करते हुए 31 जनवरी को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा था कि सरकार परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ियों को लेकर युवाओं की चिंताओं से अवगत है.

विधेयक में सजा और जुर्माने के ये होंगे प्रावधान 

- विधेयक में UPSC, SSC, बैंकिंग, रेलवे, JEE, NEET, CUET सहित शैक्षणिक संस्थाओं में एडमिशन और नौकरियों में प्रवेश के लिए सरकार द्वारा आयोजित सभी सार्वजनिक परीक्षाओं को शामिल करने का प्रस्ताव है. 
- विधेयक के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले दोषियों को न्यूनतम 3 से 5 साल तक की कैद और 10 लाख तक की पेनल्टी का प्रावधान है.
- विधेयक में संगठित अपराध से जुड़े केस में 5 से 10 साल तक की कैद और न्यूनतम एक करोड़ रुपये जुर्माना का प्रस्ताव है.
- सर्विस प्रोवाइडर पर भी नियमों के उल्लंघन पर 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना और परीक्षा की आनुपातिक लागत की वसूली का प्रस्ताव शामिल है. 

पेपर लीक के कारण देश में बढ़ी है चिंता 

देश में पेपर लीक को लेकर चिंता बढ़ रही है. राजस्थान में नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दिसम्बर 2023 में सत्ता में आने के बाद पहला बड़ा फैसला सरकारी नौकरियों में भर्ती से जुड़ी परीक्षाओं के पेपर लीक मामलों की जांच के लिए एसआईटी के गठन को लेकर किया था. 

देश में सरकारी परीक्षाओं की प्रक्रिया को पारदर्शी और कारगर बनाने और पेपर लीक की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए ये अहम पहल है. अब सरकार के सामने अगली चुनौती इस विधेयक को संसद से पारित कराकर इस सख्‍ती से जमीन पर लागू करने की होगी. 

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