
दुनिया भर में आज होली ( Holi 2025) का पर्व पूरे धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. रंग, ग़ुलाल और गुजिया ने लोगों को आंनद से भर दिया. होली रंगों, आनंद और एकता का त्योहार है, लेकिन रंगों के त्यौहार में आपके जीवन में भंग ना पड़ जाए, इसका भी विशेष ख्याल रखने की जरूरत है. दरअसल होली पर अपनी आंखों को संभावित नुकसान से बचाने के लिए सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है. हानिकारक रंग, पानी के गुब्बारें और आंखों में जलन, संक्रमण या यहां तक कि गंभीर चोटों का कारण बन सकते हैं. ऐसे में होली का सुरक्षित और आनंदमयी तरीके से आनंद लेने के लिए कुछ सरल लेकिन प्रभावी आंखों की देखभाल के सुझावों का पालन करना चाहिए.
एक्सपर्टस भी होली को लेकर कुछ बातों का ध्यान रखने की सलाह देते हैं. जैसे होली खेलने से पहले किन बातों का रखें ध्यान?
सुरक्षात्मक चश्मा पहनें - सीधे रंग और पानी के छींटों से अपनी आंखों को बचाने के लिए धूप के चश्मे या सुरक्षात्मक चश्मे का उपयोग करें.
अप्लाई बैरियर- अपनी आंखों के चारों ओर नारियल तेल या पेट्रोलियम जेली का उपयोग करके रंग को चिपकने से रोकें और इसे धोना आसान बनाएं.
प्राकृतिक रंगों का उपयोग करें - सिंथेटिक रंगों के बजाय हर्बल या ऑर्गेनिक रंगों का प्रयोग करें, क्यूंकि सिंथेटिक रंगों में हानिकारक रसायन हो सकते हैं जो आंखों को परेशान या नुकसान पहुंचा सकते हैं.
हाइड्रेटेड रहें - अपनी आंखों में सूखापन और जलन को रोकने के लिए पर्याप्त पानी पिएं.
होली खेलने के दौरान क्या करें?
अपनी आंखों को रगड़ने से बचें - यदि रंग आपकी आंखों में जाता है, तो उन्हें रगड़ने से बचें, क्योंकि इससे कॉर्निया पर खरोंच या जलन और बढ़ सकती है.
साफ पानी का उपयोग करें - यदि रंग आपकी आंखों में जाता है, तो तुरंत उन्हें साफ, ताजे पानी से धो लें. गुलाब जल या दूध का उपयोग करने से बचें, क्योंकि वे स्टेराइल नहीं हो सकते हैं.
पानी के गुब्बारों के साथ सावधान रहें - पानी के गुब्बारों को जोर से फेंकने से बचें, क्योंकि इससे आंखों की गंभीर चोटें लग सकती हैं, जिनमें कॉर्नियल खुरचन या यहाँ तक कि रेटिनल क्षति भी शामिल है.
सुरक्षित दूरी बनाए रखें - लोगों से सावधान रहें जो सीधे आपके चेहरे पर रंग लगाते हैं. उनसे शालीनता से अनुरोध करें कि वे आपकी आंखों के साथ सीधा संपर्क न करें.
होली खेलने के बाद क्या करें?
अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लें - अपनी आंखों को छूने से पहले सुनिश्चित करें कि आपके हाथ पूरी तरह से साफ हैं ताकि रंग के अवशेषों का अनजाने में स्थानांतरण न हो.
अपने चेहरे और आंखों को धीरे से साफ करें - अपने चेहरे और पलकों को जलन पैदा किए बिना साफ करने के लिए माइल्ड बेबी शैंपू या सादे पानी का उपयोग करें.
यदि आवश्यक हो तो डॉक्टर को दिखाएं - यदि आपको लगातार लालिमा, दर्द, धुंधली दृष्टि या कोई असुविधा होती है, तो तुरंत एक नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श लें.
"होली जश्न का वक्त, लेकिन सुरक्षा पहले महत्वपूर्ण "
नोएडा स्थित पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ (PGICH) के निदेशक डॉ. ए.के. सिंह, ने कहा, "होली जश्न का समय है, लेकिन सुरक्षा हमेशा पहले आनी चाहिए. सिंथेटिक रंग हानिकारक रसायनों से भरे हो सकते हैं जो आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. जैविक रंगों और सुरक्षात्मक चश्मे का उपयोग जैसे सरल उपाय होली को सुरक्षित और आनंदमयी बनाने में बहुत मदद कर सकते हैं. सुरक्षित रहें और जिम्मेदारी से आनंद लें!"
पगिच में नेत्र विज्ञानविभाग में एडिशनल प्रोफेसर डॉ. दिव्या जैन ने कहा, "एक नेत्र विशेषज्ञ के रूप में, मैंने होली के दौरान कई मामलों में आंखों की चोटें देखी हैं, जो हल्की जलन से लेकर गंभीर संक्रमण और दृष्टि हानि तक होती हैं. ऐसी जटिलताओं को रोकने का मुख्य तरीका जागरूकता और सावधानी है. यदि आपको होली के बाद कोई आंखों की असुविधा होती है, तो इसे नजरअंदाज न करें - तुरंत चिकित्सा ध्यान दें."
डॉ. विक्रांत शर्मा, प्रोफेसर, नेत्र विज्ञान विभाग ने बताया,"होली के दौरान कई आंखों की चोटें सुरक्षात्मक चश्मे पहनने और केवल सुरक्षित, जैविक रंगों का उपयोग जैसे सरल उपायों से रोकी जा सकती हैं."
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