
दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने एनडीटीवी से खास बातचीत में दिल्ली में हो रहे विकास कार्यों के अलावा घर-परिवार और अपने जीवन से जुड़े पल भी शेयर किए जिस दौरान वह भावुक भी हो गईं. उन्होंने बताया कि आज उनके पिता दुनिया में होते तो बहुत खुश होते, क्योंकि वे चाहते थे कि उनके बच्चे अच्छा करें, आगे बढ़ें.
हरियाणा का एक परिवार दिल्ला आया, कंजर्वेटिव सोसाइटी से आया, फिर यहां उनकी बेटी राजनीति में आ गई. डूसू इलेक्शन लड़ने की बात आई तो हमने सुना है कि आपके माता-पिता इसके खिलाफ थे?
इस पर रेखा गुप्ता ने कहा कि पिता नहीं, मां खिलाफ थीं. मां का कहना था कि राजनीति बनिये के बच्चों का काम नहीं, बनिया तो अपना सीधा-साधा जीवन यापन करता है. फिर मैं तो लड़की थी, उनका मानना था कि लड़की शादी करे और अपने घर जाए. उन्हें लगता था कि राजनीति परिवार के बच्चों के लिए ठीक नहीं है. इससे बाद में शादी-ब्याह या परिवार में दिक्कत आ सकती है. मगर मेरे पिताजी बहुत सपोर्टिव थे कि अगर हमारे बच्चों को मौका मिल रहा है तो वे आगे जरूर जाएं. उन्होंने हमेशा मेरा सपोर्ट किया. आज वो हमारे साथ नहीं हैं, क्योंकि कोविड के दौरान उनका निधन हो गया.
अगर आज मेरे पिताजी होते तो बहुत खुश होते. मैं उन्हें बहुत मिस करती हूं. जब भी कुछ करती थी, तो उनको बताती थी, वे बहुत खुश होते थे. जब मैं निगम पार्षद बनी, विधायक बनी तो उनको बहुत गर्व होता था. सोचिए जब मैं आज मुख्यमंत्री बन गई हूं तो ये देखकर वो कितना खुश होते.
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