मदुरई : आंध्र प्रदेश के चित्तूर एनकाउंटर के चश्मदीद पहली बार सामने आए हैं। NDTV को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में एनकाउंटर के 3 चश्मदीदों ने इस पूरे एनकाउंटर को ही फ़र्ज़ी करार दिया है। चश्मदीदों के अनुसार जिन लोगों का चंदर तस्कर बताकर एनकाउंटर किया गया, असल में पुलिस उन्हें बस से उतारकर ले गई थी।
चश्मदीदों के मुताबिक़ एनकाउंटर से पहले पुलिस सभी लोगों को एक सुनसान जगह पर ले गई थी, जहां पुलिस की कई गाड़ियां मौजूद थीं और पुलिसवाले उनकी तस्वीर ले रहे थे। चश्मदीदों के मुताबिक़ ये सभी लोग काम की तलाश में तमिलनाडु से बस में सवार होकर आंध्र प्रदेश आ रहे थे।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से गुरुवार को चित्तूर एनकाउंटर और तेलंगाना में पांच कथित आतंकियों की हत्या के मामले में सुनवाई होगी। इन दोनों घटनाओं पर आयोग की ओर से हैदराबाद में जारी कैंप सिटिंग के दौरान सुनवाई की जाएगी।
दोनों ही घटनाओं पर आयोग की ओर से स्वंय संज्ञान लिया गया था और राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर उनका पक्ष पूछा गया था.। जहां एक ओर चित्तूर में पुलिस पर आरोप है कि उसने आम बेकसूर लोगों को चंदन तस्कर बताकर मार गिराया, वहीं तेलंगाना के नालगोंडा में पांच विचाराधीन क़ैदी एनकाउंटर में मारे गए।
मानवाधिकार आयोग ने चित्तूर एनकाउंटर मामले में कहा था कि एसटीएफ, जंगल के अधिकारी और जो-जो अफसर इस मुठभेड़ से जुड़े हैं उन सबके नाम 22 अप्रैल तक मानवाधिकार आयोग को मुहैया करवाये जाने चाहिये।
चश्मदीदों की वकील वृंदा ग्रोवर हैं, उनका कहना है कि इस मामले में 20 लोग मारे गए और 20 तरह की कहानियां सामने आ रही हैं। ये पूरा मामला स्टेज मैनेज्ड था। वृंदा ने पत्रकारों से प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में बात करते हुए कहा था कि ऐसा लगता है कि कुछ डीलर्स पुलिसवालों और कुछ ताकतवर लोगों से मिले हुए हैं। यही वजह है कि पुलिस और राजनैतिक लोगों द्वारा ये बयान दिए जा रहे हैं कि एनकाउंटर सही है। इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।
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