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Exclusive: NDTV के पास तहव्वुर राणा का 12 पन्नों का रिमांड आदेश, जानें क्या-क्या लिखा

अदालत ने अपने रिमांड आदेश में कोर्ट ने कहा कि यह साजिश भारत की सीमाओं से बाहर तक फैली हुई है. कोर्ट  ने आदेश में कहा कि यह एक गहराई से रची गई साजिश है, जिसमें कई शहरों को निशाना बनाया गया, जिनमें राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली भी शामिल है. 

नई दिल्‍ली:

मुंबई 26/11 आतंकी हमले का ‘मास्टरमाइंड' तहव्वुर राणा अमेरिका से प्रत्‍यर्पण के बाद भारत में कानूनी कार्यवाही का सामना कर रहा है. राणा पर मुंबई आतंकवादी हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने में मदद करने का आरोप है, जिसमें छह अमेरिकी नागरिकों सहित 166 लोगों की जान चली गई थी. दिल्‍ली की एक अदालत ने राणा को एनआईए की 18 दिन की रिमांड पर भेज दिया है. तहव्वुर राणा की रिमांड का 12 पन्नों का आदेश NDTV के पास है. आइए जानते हैं कि तहव्वुर राणा के 12 पन्नों के रिमांड आदेश में आखिर क्‍या लिखा है.

अदालत ने अपने रिमांड आदेश में कोर्ट ने कहा कि यह साजिश भारत की सीमाओं से बाहर तक फैली हुई है. कोर्ट ने आदेश में कहा कि यह एक गहराई से रची गई साजिश है, जिसमें कई शहरों को निशाना बनाया गया, जिनमें राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली भी शामिल है.

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सबूतों से आमना-सामना कराना जरूरी: कोर्ट

साथ ही कहा कि अदालत के सामने पेश की गई सामग्री यह दर्शाती है कि यह साजिश भारत की सीमाओं के बाहर तक फैली हुई है और भारत के कई शहरों में कई स्थानों को निशाना बनाया गया था. 

कोर्ट ने कहा कि आरोपी और उसके साथियों द्वारा की गई रेकी से जुड़े सबूतों से आरोपी को आमना-सामना कराना जरूरी है. कोर्ट ने यह भी कहा आरोपी को गवाहों, फॉरेंसिक और दस्तावेजी सबूतों के साथ आमने-सामने बैठाना जरूरी है. 

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यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है: कोर्ट 

कोर्ट ने कहा इस गहराई से जुड़ी साजिश की तह तक पहुंचने के लिए लंबी पुलिस पूछताछ जरूरी है. तथ्यों की तह तक पहुंचने और इस गहरी साजिश की परतें खोलने के लिए लगातार और विस्तृत पुलिस पूछताछ आवश्यक है. 

साथ ही कोर्ट ने रिमांड आदेश में यह माना कि रिकॉर्ड पर पर्याप्त सबूत हैं, जो यह दर्शाते हैं कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है. साथ ही कहा कि वर्तमान मामले में जो आरोप हैं, वे राष्ट्र की सुरक्षा और संरक्षा से संबंधित हैं.

कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी को पूरा अवसर मिलना चाहिए जिससे वह कोर्ट के सामने एक पूरी तस्वीर पेश कर सके. अदालत ने कहा कि जांच एजेंसी को निष्पक्ष रूप से पूरे मामले की गहराई से जांच करने का अवसर मिलना चाहिए, जिससे कोर्ट के सामने संपूर्ण और पूरी सच्चाई पेश की जा सके. 

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