EXCLUSIVE: फटी एड़ियां, सूजे पांव, कई साथी अस्पताल में - फिर भी जारी है किसानों का मार्च

किसानों का विरोध मार्च पांचवें दिन में प्रवेश कर चुका है, और उनके थका देने वाले सफ़र के बीच NDTV ने कुछ किसानों से बात की. इनमें से ज़्यादातर की एड़ियां फट चुकी हैं. कुछ ने अपनी चप्पलों में कपड़ा लपेट रखा है, क्योंकि चमड़े ने खाल को काटना और चुभना शुरू कर दिया था.

फटी एड़ियां, सूजे पांव, कई साथी अस्पताल में - नासिक से मुंबई तक प्रदर्शन मार्च करते आ रहे किसान सभी मुसीबतों का जी-जान से सामना कर रहे हैं, ताकि प्याज़-उत्पादक किसानों को राहत दिए जाने के साथ-साथ उनकी सभी मांगों की सुनवाई हो.

200-किलोमीटर का यह मार्च गुरुवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गया है, और उनके थका देने वाले सफ़र के बीच NDTV ने कुछ किसानों से बात की. इनमें से ज़्यादातर की एड़ियां फट चुकी हैं. कुछ ने अपनी चप्पलों में कपड़ा लपेट रखा है, क्योंकि चमड़े ने खाल को काटना और चुभना शुरू कर दिया था.

जब हमने एक बुज़ुर्ग महिला से पूछा कि क्या वह कुछ देर आराम करना चाहेंगी, महिला का जवाब था, "नहीं, अपनी मांगों के लिए मैं चलती ही रहूंगी..."

जो बीमार महसूस कर रहे हैं, उनके लिए एम्बुलैन्स बुलाई गई हैं. ऐसी ही एम्बुलैन्स में बैठा एक किसान अपने आंसू नहीं रोक पाया, और फूट पड़ा. उसने बताया कि उसकी चप्पल टूट गई थी, और पांव में चोट आई, जिसकी वजह से वह बीमार महसूस कर रहा है. उसने बताया कि उसके पास पैसे भी हैं, लेकिन कोई दुकान नहीं मिली, जहां से वह नई चप्पल खरीद सके. कुछ का कहना था कि उन्हें चक्कर आ रहे हैं, और वे कमज़ोरी महसूस कर रहे हैं.

इस मार्च का आयोजन मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) ने किया है, और किसानों के साथ-साथ इसमें असंगठित क्षेत्र के कई कामगार और जनजातीय समुदायों के सदस्य शामिल हो गए हैं.

किसानों की मांगों की एक लंबी फेहरिस्त है, जिसमें कीमतों में भारी गिरावट से बुरी तरह प्रभावित हुए प्याज़ उत्पादकों को 600 रुपये प्रति क्विंटल की तत्काल वित्तीय राहत दिया जाना शामिल है. कई किसान जनजातीय समुदायों से हैं और भूमि अधिकारों की मांग कर रहे हैं. किसानों की मांगों की सूची में 12 घंटे तक निर्बाध बिजली आपूर्ति और कृषि ऋण की माफी भी शामिल है.

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इस बीच, महाराष्ट्र सरकार इन किसानों के बीच पहुंच गई है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अन्य वरिष्ठ मंत्री गुरुवार को ही उनसे मुलाकात करेंगे. बुधवार रात को मार्च के ठाणे में प्रवेश के बाद राज्य के दो मंत्री दादा भुसे और अतुल सावे किसानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर चुके हैं.