राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने आठ देशों के समूह शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों से पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद से निपटने के लिए एक "कार्य योजना" तैयार करने की वकालत की.
डोभाल ने आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) करने समेत अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपनाए जाने पर भी जोर दिया.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की ओर से इन कड़े शब्दों का इस्तेमाल ऐसे समय पर किया गया जब उनके पाकिस्तानी समकक्ष मोईद यूसुफ भी वहां पर मौजूद थे. समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा ने कहा कि इस शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों के बीच बातचीत की कोई योजना नहीं है.
ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन की दो दिवसीय बैठक में डोबाल ने आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के पूर्ण कार्यान्वयन तथा संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित अपराधियों और संस्थाओं के खिलाफ लक्षित प्रतिबंधों को पूरी तरह से लागू करने की जरूरत पर भी जोर दिया.
उन्होंने कहा कि भारत सभी प्रकार के आतंकवाद की तीखी निंदा करता है और सीमा पार आतंकवादी हमलों सहित आतंकवाद के साजिशकर्ताओं को न्याय की जद में लाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने हथियारों की तस्करी के लिए डार्क वेब और ड्रोन सहित आतंकवादियों द्वारा अपनाई जा रही प्रौद्योगिकी की निगरानी करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया.
भारत लंबे समय से बार-बार लश्कर और जैश जैसे आतंकी संगठनों की गतिविधियों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने उठाता रहता है, जिन्होंने संसद और 26/11 जैसे हमले को अंजाम दिया.
डोभाल ने ईरान में चाहबहार बंदरगाह और क्षेत्रीय हवाई गलियारों की स्थापना जैसी पहलों के माध्यम से सदस्य देशों के बीच अधिक से अधिक संपर्क पर जोर दिया. हालांकि, उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए.
(भाषा के इनपुट के साथ)
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