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This Article is From Aug 17, 2016

युद्धग्रस्त यमन से लोगों को बाहर निकालना अब संभव नहीं : सुषमा स्वराज

युद्धग्रस्त यमन से लोगों को बाहर निकालना अब संभव नहीं : सुषमा स्वराज
सुषमा स्वराज की फाइल फोटो
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
यमन में शिया हूती विद्रोहियों ने सरकार को हटा दिया है
यहां 16 महीने से चल रहे गृह युद्ध में 6500 से ज्यादा लोग मारे गए हैं
भारत को युद्धग्रस्त यमन में अपना दूतावास बंद करना पड़ा है
नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर यह साफ किया है कि भारत को युद्धग्रस्त यमन में अपना दूतावास बंद करना पड़ा है और अब इस अरब राष्ट्र से भारतीयों की निकाल पाना संभव नहीं है. सुषमा ने एक व्यक्ति के ट्वीट के जवाब में यह बात कही. उसने बताया था कि यमन की राजधानी साना से 127 किलोमीटर दूर हज्जाह में हैदराबाद की एक महिला अपने बच्चों के साथ फंसी है.

सुषमा स्वराज ने बुधवार को ट्विटर पर बताया, 'हमने अब तक 4,500 से ज्यादा भारतीयों और 2,500 से ज्यादा विदेशी लोगों को यमन से निकाला है.' उन्होंने बताया, 'यमन के हालात को देखते हुए हमने भारतीयों से यमन छोड़ने का लगातर अनुरोध किया था. वहां के हालात के देखते हुए हमें साना में अपने दूतावास तक को बंद करना पड़ा.'
सुषमा ने कहा, 'इसके बावजूद कई लोगों ने वहां रहने का फैसला लिया. जिन लोगों को वहां से निकाला गया, उनमें से भी कई वापस यमन लौट गए.' उन्होंने कहा, 'अब हमारा वहां दूतावास नहीं है. यह युद्ध की स्थिति है. हम इस वक्त यमन से लोगों को निकालने की स्थिति में नहीं हैं.'

यमन में 16 महीने से चल रहे गृह युद्ध में 6500 से अधिक लोग मारे गए हैं और 25 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए. यहां शिया हूती विद्रोहियों ने सरकार को हटा दिया. इसके बाद सऊदी अरब के नेतृत्व में अरब राष्ट्रों की सेना ने यमन पर हमला किया.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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