प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
केंद्रीय गृह मंत्रालय एस्सार द्वारा किए गए फोन टैपिंग मामले में कानूनी सलाह ले रहा है। एनडीटीवी को मिली जानकारी के मुताबिक़ ये सलाह इसलिए ली जा रही है क्योंकि मंत्रालय ये जानना चाहता है कि क्या क़ानूनी कार्रवाई की जा सकती है क्योंकि एस्सार ने ग़ैरक़ानूनी तौर पर फ़ोन टैप करवाए थे।
इस मामले में गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अफसर ने एनडीटीवी इंडिया को बताया " ये सभी फ़ोन ग़ैरक़ानूनी तौर पर टैप हुए। इसीलिए ये जानना जरूरी है कि क्या स्वत: संज्ञान लेते हुए इसकी जांच की जा सकती है या इसके लिए किसी शिकायतकर्ता की जरूरत है?"
उनके मुताबिक़ क्योंकि इसमें गृह सचिव राजीव महर्षि का भी नाम है इसीलिए गृह मंत्री से इस पर चर्चा होगी और उसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा कि कौन सी एजेंसी इसमें जांच करेगी।
उल्लेखनीय है कि वीवीआईपी फोन टैपिंग मामले में वकील सुरेन उप्पल ने पीएमओ को शिकायत की है। शिकायत के मुताबिक़ एस्सार ने अपने कर्मचारी अलबासित खान के ज़रिए कई वीवीआईपी के फोन टैप करवाए थे। शिकायत मिलने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने गृह मंत्रालय को जांच करने के आदेश दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि सरकारी नीतियों को बनाने में किसी बाहरी तत्व के रोल को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उधर फोन टैपिंग करवाने के आरोपों से घिरे अलबासित खान ने कहा कि उप्पल उन पर बेवजह के आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उप्पल कॉरपोरेट दिग्गजों से उगाही करना चाहते हैं।
खान ने कहा कि उन्होंने कभी भी उप्पल को हायर नहीं किया। वहीं फोन टैपिंग के खुलासे और पीएमओ से इसकी शिकायत करने वाले वकील सुरेन उप्पल ने कहा कि खान के बयान से उन्हें कोई हैरत नहीं हुई। उन्हें पहले से इसका अंदाजा था। उन्होंने कहा कि मेरे पास इस बात के तमाम सुबूत हैं कि खान उनसे सीधे संपर्क में थे और इस टैपिंग का खुलासा करने के लिए भी दोनों साथ काम कर रहे थे।
इस मामले में गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अफसर ने एनडीटीवी इंडिया को बताया " ये सभी फ़ोन ग़ैरक़ानूनी तौर पर टैप हुए। इसीलिए ये जानना जरूरी है कि क्या स्वत: संज्ञान लेते हुए इसकी जांच की जा सकती है या इसके लिए किसी शिकायतकर्ता की जरूरत है?"
उनके मुताबिक़ क्योंकि इसमें गृह सचिव राजीव महर्षि का भी नाम है इसीलिए गृह मंत्री से इस पर चर्चा होगी और उसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा कि कौन सी एजेंसी इसमें जांच करेगी।
उल्लेखनीय है कि वीवीआईपी फोन टैपिंग मामले में वकील सुरेन उप्पल ने पीएमओ को शिकायत की है। शिकायत के मुताबिक़ एस्सार ने अपने कर्मचारी अलबासित खान के ज़रिए कई वीवीआईपी के फोन टैप करवाए थे। शिकायत मिलने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने गृह मंत्रालय को जांच करने के आदेश दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि सरकारी नीतियों को बनाने में किसी बाहरी तत्व के रोल को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उधर फोन टैपिंग करवाने के आरोपों से घिरे अलबासित खान ने कहा कि उप्पल उन पर बेवजह के आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उप्पल कॉरपोरेट दिग्गजों से उगाही करना चाहते हैं।
खान ने कहा कि उन्होंने कभी भी उप्पल को हायर नहीं किया। वहीं फोन टैपिंग के खुलासे और पीएमओ से इसकी शिकायत करने वाले वकील सुरेन उप्पल ने कहा कि खान के बयान से उन्हें कोई हैरत नहीं हुई। उन्हें पहले से इसका अंदाजा था। उन्होंने कहा कि मेरे पास इस बात के तमाम सुबूत हैं कि खान उनसे सीधे संपर्क में थे और इस टैपिंग का खुलासा करने के लिए भी दोनों साथ काम कर रहे थे।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
एस्सार फोन टैपिंग केस, अलबासित खान, सुरेन उप्पल, वीवीआईपी फोन टैपिंग मामला, राजीव महर्षि, Essar Phone Tapping Case, Albasit Khan, Suren Uppal, VVIP Phone Tapping Row, Rajiv Mahirishi