फाइल फोटो
नई दिल्ली:
साल 2001 से साल 2006 तक अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान एस्सार कंपनी द्वारा कथित तौर पर मंत्रियों और उद्योगपतियों के फोन टैप किए जाने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट वी कामेश्वर राव के जज ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया।
अब मामला रजिस्ट्रार के पास जाएगा और 11 जुलाई को दूसरी बेंच सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट के वकील सुरेन उप्पल ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग की है।
सुरेन उप्पल ने अपनी याचिका में एस्सार कंपनी के उच्च अधिकारियों, केंद्र सरकार, सीबीआई और बासित ख़ान को पक्ष बनाया है। इससे पहले एस्सार कंपनी द्वारा कथित तौर पर फोन टैप किए जाने के मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय यानी पीएमओ ने सख्त रुख अपनाया है। पीएमओ ने पूरे मामले में गृह मंत्रालय से रिपोर्ट तलब करते हुए जांच और कार्रवाई के लिए साफ निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि उप्पल ने 1 जून को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर वाजपेयी और मनमोहन सिंह के कार्यकाल में शीर्ष नेताओं और उद्योगपतियों का फोन टैप किए जाने की शिकायत की थी। उनका दावा था कि एस्सार के पूर्व अधिकारी बासित खान ने उन्हें इस संबंध में जानकारी दी थी।
अब मामला रजिस्ट्रार के पास जाएगा और 11 जुलाई को दूसरी बेंच सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट के वकील सुरेन उप्पल ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग की है।
सुरेन उप्पल ने अपनी याचिका में एस्सार कंपनी के उच्च अधिकारियों, केंद्र सरकार, सीबीआई और बासित ख़ान को पक्ष बनाया है। इससे पहले एस्सार कंपनी द्वारा कथित तौर पर फोन टैप किए जाने के मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय यानी पीएमओ ने सख्त रुख अपनाया है। पीएमओ ने पूरे मामले में गृह मंत्रालय से रिपोर्ट तलब करते हुए जांच और कार्रवाई के लिए साफ निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि उप्पल ने 1 जून को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर वाजपेयी और मनमोहन सिंह के कार्यकाल में शीर्ष नेताओं और उद्योगपतियों का फोन टैप किए जाने की शिकायत की थी। उनका दावा था कि एस्सार के पूर्व अधिकारी बासित खान ने उन्हें इस संबंध में जानकारी दी थी।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं