कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) नए वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर को लेकर बड़ा फैसला कर सकता है. ब्याज दर के बदलाव का प्रभाव 45 लाख खाताधारकों पर पड़ेगा. इसके लिए श्रम मंत्रालय में आज तीन बजे सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक होगी. इससे पहले सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की फाइनेंस एंड इंवेस्टमेंट कमेटी की एक अहम बैठक हो रही है. इसमें ईपीएफओ के वित्तिय हालत की समीक्षा की जा रही है. ईपीएफओ के पास सरप्लस फंड की उपलब्धता के आधार पर कमेटी नए वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर पर पनी सिफारिश सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के सामने रखेगी.
वहीं सूत्रों के मुताबिक सेंट्रल बॉर्ड ऑफ ट्रस्टीज संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए न्यूनतम पेंशन ( मौजूदा एक हजार रुपए प्रति महीना है) बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी विचार कर सकती है.
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बता दें, पहले खबर आई थीं कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) 2018-19 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर 8.55 प्रतिशत पर बरकरार रख सकता है. सूत्र ने कहा था, ‘ईपीएफओ के न्यासियों की 21 फरवरी को होने वाली बैठक में चालू वित्त वर्ष के लिये ब्याज दर के प्रस्ताव को रखा जाएगा. लोकसभा चुनाव को देखते हुए ब्याज दर चालू वित्त वर्ष के लिये 2017-18 की तरह 8.55 प्रतिशत पर बरकरार रखा जाएगा. ईपीएफओ के आय अनुमान को बैठक में रखा जाएगा.'
हालांकि सूत्र ने इस अटकल को भी पूरी तरह खारिज नहीं किया कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष के लिये ईपीएफ जमा पर ब्याज दर 8.55 प्रतिशत से अधिक हो सकती श्रम मंत्री की अध्यक्षता वाला न्यासी बोर्ड ईपीएफओ का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है जो वित्त वर्ष के लिये भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को अंतिम रूप देता है. बोर्ड की मंजूरी के बाद प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय से सहमति की जरूरत होगी. वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद ब्याज दर को अंशधारक के खाते में डाला जाएगा.
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