नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के भारतीय जनता पार्टी (BJP) से अलग होने के बाद भाजपा उनका एक के बाद एक बड़ा झटका दे रही है. इस बार जदयू की दमन और दीव इकाई का सोमवार को भाजपा में विलय हो गया. इसके पहले मणिपुर (Manipur) और अरुणाचल प्रदेश में जदयू के विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे. दमन और दीव के जदयू के 17 जिला पंचायत सदस्यों में से 15 सदस्य बीजेपी में शामिल हो गये. इसके साथ ही राज्य जदयू की पूरी इकाई सोमवार को भाजपा में शामिल हो गई.
इस पर भाजपा ने कहा कि नीतीश कुमार द्वारा बिहार में विकास को गति देने वाली भाजपा का साथ छोड़कर बाहुबली, भ्रष्ट और परिवारवादी पार्टी का साथ देने के विरोध में दमन दीव के जेडीयू के 17 में से 15 जिला पंचायत सदस्य और प्रदेश जेडीयू की पूरी ईकाई भाजपा में शामिल हुई है.
आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले अरुणाचल प्रदेश में जदयू के एकमात्र विधायक भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे. इसके अलावा हाल ही में मणिपुर के जदयू के 7 में से 5 विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया था. जनता दल (यूनाइटेड) के पांच विधायकों का पिछले सप्ताह भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की उपस्थिति में सत्तारूढ़ दल भाजपा में विलय हो गया था.
विपक्ष को साधने में जुटे हैं नीतीश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी से अलग होने के बाद लगातार विपक्ष को एकजुट करने में जुटे हैं. इसके लिए नीतीश ने पिछले दिनों दिल्ली पहुंचकर राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, ओमप्रकाश चौटाला, एचडी देवेगौड़ा जैसे विपक्षी नेताओं से मुलाकात की थी. नीतीश का कहना है कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के भारत लौटते ही मैं उनसे मिलने दिल्ली जाऊंगा.
दिल्ली प्रवास के दौरान ही उन्होंने कहा था कि वह न तो प्रधानमंत्री पद के दावेदार हैं और न ही इसके इच्छुक हैं. माकपा महासचिव सीताराम येचुरी से मुलाकात के बाद नीतीश ने कहा था कि उनका ध्यान सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने पर है. नीतीश कुमार ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यह समय वाम दलों, कांग्रेस और सभी क्षेत्रीय दलों के लिए एकजुट विपक्ष बनाने का है.
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