आतंकवाद के वित्त पोषण मामले में अंतरिम ज़मानत मिलने के बाद बारामूला से सांसद इंजीनियर रशीद (Engineer Rasheed) बुधवार को तिहाड़ जेल से बाहर आ गए. वह जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के लिए प्रचार में भाग लेंगे. साल 2017 के आतंकवाद का वित्तपोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से रशीद 2019 से जेल में थे. वह तिहाड़ जेल में बंद थे.
रशीद ने जेल से बाहर आने के बाद कहा कि वह अपने लोगों के लिए लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि वह कश्मीर के लोगों को एकजुट करने आ रहे हैं, न कि उन्हें बांटने के लिए.
वोट जुटाने के लिए मिली है जमानत; उमर अब्दुल्ला
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि जेल में बंद सांसद इंजीनियर रशीद को कश्मीर के लोगों की सेवा करने के लिए नहीं, बल्कि वोट जुटाने के लिए जमानत दी गई है. रशीद को आतंकवाद के वित्त पोषण मामले में दिल्ली की एक अदालत द्वारा अंतरिम जमानत दिये जाने के बाद, अब्दुल्ला ने यह टिप्पणी की. अदालत ने कश्मीर से लोकसभा सदस्य इंजीनियर रशीद को दो अक्टूबर तक अंतरिम जमानत दी है, ताकि वह जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनावों में प्रचार कर सकें.
यह न्याय की दिशा में एक कदम है: गुलाम नबी आज़ाद
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के प्रमुख गुलाम नबी आज़ाद ने रशीद को मिली अंतरिम जमानत का स्वागत करते हुए कहा कि ‘‘यह न्याय की दिशा में एक कदम है.'' उन्होंने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत द्वारा इंजीनियर रशीद साहब को दी गई अंतरिम जमानत का स्वागत करता हूं. एक मजबूत जनादेश के साथ लोकतांत्रिक रूप से चुने गए सांसद के तौर पर, यह न्याय और विधानसभा चुनाव में प्रचार करने के उनके अधिकार की दिशा में एक कदम है.'' इंजीनियर रशीद उर्फ शेख अब्दुल रशीद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराया था. जम्मू-कश्मीर की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरण में चुनाव होने हैं. मतगणना आठ अक्टूबर को होगी.
जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में हो रहे हैं चुनाव
जम्मू-कश्मीर की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए 18 सितंबर से एक अक्टूबर के बीच तीन चरणों में चुनाव होंगे. नतीजे आठ अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे. उनकी पार्टी अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) विधानसभा चुनाव लड़ रही है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने मंगलवार को उन्हें दो लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही रकम की जमानत पर राहत दी। उन्होंने सांसद पर कुछ शर्तें भी लगाईं, जिनमें मामले के बारे में मीडिया से बात नहीं करना शामिल है.
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