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This Article is From Jan 28, 2021

Amazon के खिलाफ ED करेगी जांच, हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद FDI उल्लंघन का केस दर्ज

पिछले महीने दिल्ली हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी कि ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी अमेजन ने तीन समझौतों के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से बिग बाजार के स्वामित्व वाली फ्यूचर रिटेल पर सरकार की मंजूरी के बिना नियंत्रण हासिल कर लिया था, जो कि FEMA के तहत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नियमों का उल्लंघन प्रतीत होता है.

Amazon के खिलाफ ED करेगी जांच, हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद FDI उल्लंघन का केस दर्ज
अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप की अनलिस्टेड कंपनियों में से एक फ्यूचर कूपन में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी.
नई दिल्ली:

अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) के खिलाफ अब प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के तहत जांच करेगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने फ्यूचर ग्रुप के अधिग्रहण से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अमेजन के खिलाफ FEMA के उल्लंघन से जुड़ी एक टिप्पणी की थी. इसके बाद निदेशालय ने अमेजन के खिलाफ एक केस दर्ज किया है. कोर्ट रिलायंस समूह द्वारा किशोर बियानी की अगुवाई वाली फ्यूचर रिटेल के अधिग्रहण के खिलाफ अमेज़न की चुनौती की याचिका पर सुनवाई कर रहा था.

पिछले महीने दिल्ली हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी कि ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी अमेजन ने तीन समझौतों के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से बिग बाजार के स्वामित्व वाली फ्यूचर रिटेल पर सरकार की मंजूरी के बिना नियंत्रण हासिल कर लिया था, जो कि FEMA के तहत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नियमों का उल्लंघन प्रतीत होता है.

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अमेरिकी कंपनी के प्रवक्ता ने कहा,  "हम अमेजन इंडिया के खिलाफ ED द्वारा किसी भी नए मामले से अवगत नहीं हैं."

अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप की अनलिस्टेड कंपनियों में से एक  फ्यूचर कूपन में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी, इस अधिकार के साथ कि कुछ साल बाद लिस्टेड कंपनी फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) खरीदेगा, जब सरकार मल्टीब्रांड रिटेलर्स के विदेशी स्वामित्व पर लगी रोक को समाप्त कर देगी.

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बाद में शेयरधारकों के समझौते में, अमेजन ने फ्यूचर कूपन को रिलायंस इंडस्ट्रीज सहित 15 कंपनियों को बेचने से रोक दिया था लेकिन पिछले साल अगस्त में रिलायंस रिटेल ने फ्यूचर ग्रुप के रिटेल की 30 फीसदी हिस्सेदारी वाले लॉजिस्टिक और वेयरहाउस का कारोबार 24,000 करोड़ रुपये में खरीद लिया था, इससे अमेजन नाराज हो गया और अदालत का रुख कर लिया.

हालांकि, अमेजन ने पहले इस सौदे के खिलाफ सिंगपुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र में संपर्क किया फिर बाद में दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. पिछली सुनवाई में दिल्ली हाईकोर्ट ने फ्यूचर रिटेल के इस अनुरोध को खारिज कर दिया कि अमेजन को नियामक सेबी, प्रतिस्पर्धा आयोग और अन्य अधिकारियों को लिखित रूप से रिलायंस रिटेल के साथ उसके प्रस्तावित सौदे के खिलाफ सिंगापुर के आदेश के बारे में लिखने से रोका जाए.

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