
बकरीद को लेकर एक तरफ जहां उत्साह है, वहीं बहुत सारी हिदायतें और सियासत भी है. देश के विभिन्न शहरों में पुलिस और प्रशासन सतर्क हैं. कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. साथ ही, प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी और सार्वजनिक स्थानों पर कुर्बानी को लेकर सख्ती बरती जा रही है.
- दिल्ली सरकार ने बकरीद को लेकर सख्त एडवाइजरी जारी की है. सरकार ने स्पष्ट किया है कि गाय, बछड़े, ऊंट और अन्य प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी पर पूर्ण रोक रहेगी. इसके साथ ही सड़कों, गलियों और खुले स्थलों पर कुर्बानी नहीं की जा सकेगी, केवल अधिकृत स्थानों पर ही इसकी अनुमति होगी. सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट पर नजर रखते हुए कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है.
- उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद एसएसपी सतपाल अंतिल ने बताया कि जिले को सेक्टरों में बांटकर मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गई है. पीएसी की छह कंपनियां की लगाई गई हैं और संवेदनशील इलाकों में ड्रोन से निगरानी की जा रही है. पीस कमेटियों की गली-मोहल्लों से लेकर थाना स्तर तक बैठकें आयोजित की गईं हैं.
- बिजनौर एसपी अभिषेक झा ने बताया कि जिले भर में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहेगी. प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया गया है और जिले को जोन और सेक्टरों में विभाजित कर पुलिस बल की तैनाती की गई है.
- अलीगढ़ एएसपी मयंक पाठक ने बताया कि बकरीद को लेकर आरएएफ और पीएसी की दो कंपनियां तैनात की गईं हैं. कई थानों की पुलिस और सीओ स्तर के अधिकारी ड्यूटी पर रहेंगे. सर्विलांस, ड्रोन और इंटेलिजेंस यूनिट की सहायता से निगरानी की जाएगी.
- मेरठ के एसएसपी विपिन ताड़ा ने बताया कि मेरठ में ईद पर निगरानी के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है, जिसकी मॉनिटरिंग खुद एसएसपी और डीएम करेंगे. पीएसी, सिविल पुलिस और एलआईयू की टीमें तैनात की गईं हैं. सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. सार्वजनिक स्थलों पर नमाज और खुले में कुर्बानी पर रोक रहेगी.
- फिरोजाबाद के एसपी ग्रामीण त्रगुन बिसेन ने बताया कि जिले की सभी ईदगाहों में नमाज शांतिपूर्वक अदा की जाएगी. संवेदनशील इलाकों में कड़ी सतर्कता बरती जा रही है. प्रशासन ने परंपरागत तरीकों से त्योहार मनाने की अपील की है और शांति तथा सौहार्दपूर्ण वातावरण सुनिश्चित करने के लिए पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.
- मध्य प्रदेश के बुरहानपुर के एसपी देवेंद्र पाटीदार ने बताया कि जिले में संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है. सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और शांति समिति की बैठकों के ज़रिए लोगों से संवाद किया गया है. किसी भी असामाजिक तत्व के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
- कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर ने 7 जून से 9 जून तक जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है. यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा 163 के तहत जारी किया गया है. अपर पुलिस उपायुक्त (कानून व्यवस्था) प्रवीन रंजन सिंह द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इन तीन दिनों में जिले में किसी भी प्रकार के जुलूस, प्रदर्शन, धार्मिक आयोजन या सार्वजनिक स्थल पर एकत्र होने पर रोक रहेगी, जब तक कि संबंधित पुलिस अधिकारियों से पूर्व अनुमति प्राप्त न हो. आदेश के प्रमुख बिंदु के मुताबिक, पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने, जुलूस निकालने या प्रदर्शन करने पर रोक होगी; बिना अनुमति के यह प्रतिबंधित रहेगा. सरकारी दफ्तरों के आसपास 1 किमी की परिधि में ड्रोन कैमरा उड़ाना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा.
- लाउडस्पीकर के प्रयोग पर सख्त दिशा-निर्देश लागू रहेंगे. रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर चलाने की अनुमति नहीं होगी और दिन में भी आवाज सीमा का पालन अनिवार्य होगा. सार्वजनिक स्थानों पर नमाज, पूजा, जुलूस या धार्मिक आयोजन बिना अनुमति के प्रतिबंधित रहेंगे. इसके अलावा, धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर की ध्वनि परिसर तक सीमित रहेगी. धार्मिक स्थलों, सार्वजनिक स्थानों या जुलूस मार्गों पर जानवरों को खुला छोड़ना वर्जित रहेगा. तेजधार हथियार, अग्नेयास्त्र, ज्वलनशील पदार्थ आदि का सार्वजनिक प्रदर्शन निषिद्ध रहेगा. हर्ष फायरिंग या शस्त्र प्रदर्शन भी सख्त रूप से प्रतिबंधित किया गया है.
- उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण ने शनिवार को ईद-उल-अजहा (बकरीद) के मद्देनजर पूरे राज्य में त्योहार को शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से मनाने के लिए बृहस्पतिवार को व्यापक निर्देश जारी किए. कुर्बानी से संबंधित किसी भी नयी परंपरा की अनुमति नहीं दी गई है. प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी पर सख्त प्रतिबंध लगाया जा रहा है. कुर्बानी के बाद अवशेषों के उचित निपटान के लिए नगर निगमों और अन्य संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित किया गया है.
- ईद उल अजहा (बकरीद) के पर्व को लेकर मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड की ओर से एडवाइजरी जारी करते हुए कहा गया कि कुर्बानी बंद स्थान पर दें और खुले में नमाज न पढ़ें. मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के अधीन राज्य में मस्जिद, कब्रिस्तान, दरगाहें, मजार, कर्बला और स्कूल व मदरसे आते हैं. इनकी संख्या 15 हजार है. बोर्ड ने अपने अधीन आने वाले सभी मुतवल्लियों (प्रबंधक) और प्रबंध समितियों को निर्देश जारी किए हैं. इन निर्देशों में कहा गया है कि कुर्बानी के लिए नियमों और कानून का सख्ती से पालन किया जाए. साथ ही, जिलाधिकारी इसका कड़ाई से पालन कराएं. बोर्ड ने एडवाइजरी में कहा कि नमाज केवल ईदगाह के अंदर और मस्जिद के परिसर में पढ़ी जाए और सड़क पर नमाज अदा करने से बचें. जरूरत होने पर स्थानीय प्रशासन को भरोसे में लेकर ईद की नमाज अदा की जाए.
- प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एएम) के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने एक बयान में कहा कि मुसलमान कुर्बानी करते समय सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पूरी तरह पालन करें और प्रतिबंधित जानवरों की कर्बानी से बचें. मुसलमानों को ईद-उल-अज़हा के मौके पर साफ़-सफ़ाई का विशेष ध्यान रखने की सलाह देते हुए मदनी ने कहा “जानवरों के अवशेषों को सड़कों, गलियों और नालियों में न फेंकें, बल्कि उन्हें इस तरह से दफ़न किया जाए कि बदबू न फैले. हर मुमकिन कोशिश की जाए कि हमारे किसी कार्य से किसी को तकलीफ न पहुंचे.” उन्होंने समुदाय से कहा कि वे कुर्बानी की तस्वीरें-वीडियो सोशल मीडिया आदि पर साझा करने से बचें.
- दिल्ली स्थित जामा मस्जिद के नायब शाही इमाम सैयद शाबान बुखारी ने एक बयान में लोगों को त्योहार के दौरान अपने इलाकों में सफाई सुनिश्चित करने की सलाह दी. उन्होंने लोगों से कहा कि वह सड़कों या खुले स्थानों पर कुर्बानी करने से बचें. इमाम ने कहा, 'जिस तरह होली और दिवाली जैसे त्यौहार पूरे भारत में सम्मान के साथ मनाए जाते हैं, उसी तरह ईद-उल-अजहा को भी सम्मान और श्रद्धा के साथ मनाया जाना चाहिए.'
- ‘इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया' के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने सोमवार को ईद-उल-अजहा (बकरीद) से पहले एक सुझाव में कहा कि केवल उन्हीं जानवरों की कुर्बानी दी जानी चाहिए जिनको लेकर कोई प्रतिबंध नहीं है. महली ने मुसलमानों से 'कानून के दायरे में रहते हुए कुर्बानी की रस्में निभाने' का आग्रह किया.
बिहार में एक व्यक्ति पुलिस हिरासत में
बिहार के सारण ज़िले में बकरीद से पहले सामाजिक शांति भंग करने के लिए सोशल मीडिया पर कथित भड़काऊ पोस्ट डालने वाले एक व्यक्ति को पुलिस ने हिरासत में लिया है. अधिकारियों के मुताबिक हिरासत में लिए गए व्यक्ति की पहचान सईद हुसैन के रूप में हुई है. हुसैन ने ईद-उल-ज़ुहा (बकरीद) से पहले समाज में शांति भंग करने के उद्देश्य से यह आपत्तिजनक पोस्ट किया था.
सारण जिले की पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘ हुसैन को ईद-उल-ज़ुहा से पहले अपने सोशल मीडिया हैंडल पर भारत के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट अपलोड करने के लिए हिरासत में लिया गया था. उसने बकरीद से पहले समाज में शांति भंग करने के लिए भड़काऊ और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था.''
विवादित बयान
- बकरीद पर होने वाली कुर्बानी को पर्यावरण के अनुकूल (ईकोफ्रेंडली) बनाने की मांग को लेकर कुछ हिंदू संगठनों द्वारा उठाए गए मुद्दे पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के लीगल एडवाइजर मौलाना काब रशीदी ने मंगलवार को तीखी प्रतिक्रिया दी. मौलाना काब रशीदी ने कहा कि कुर्बानी पर सवाल उठाने वाले तथाकथित बुद्धिजीवी केवल मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए सामने आते हैं, जबकि देश में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 (प्रिवेंशन ऑफ क्रूएल्टी टू एनिमल्स एक्ट) स्पष्ट रूप से धार्मिक मान्यताओं के आधार पर दी जाने वाली कुर्बानी को इस कानून के दायरे से बाहर रखता है. उन्होंने सवाल उठाया कि कुछ लोग, जो खुद को बुद्धिजीवी कहते हैं, केवल ईद की कुर्बानी के समय ही सक्रिय क्यों होते हैं? ये लोग पूरे साल गायब रहते हैं, लेकिन जैसे ही कुर्बानी का मुद्दा आता है, इनका सारा ज्ञान जाग उठता है.”
- महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के विधायक और प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आजमी ने मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने और बकरीद को वर्चुअल तरीके से मनाने के मंत्री नितेश राणे के बयान पर गुरुवार को तीखी टिप्पणी की. अबू आजमी ने कहा, "1,400 साल से हमारी शरीयत में कुर्बानी की परंपरा है. मंदिरों में भी ऐसी परंपरा है. कुछ छोटे नेता अपना नाम बनाने के लिए नफरती बयान दे रहे हैं. बकरीद पर दी जाने वाली कुर्बानी कोई गैर-मुसलिम नहीं रोक सकता है."
- इससे पहले बीजेपी नेता नितेश राणे ने कहा था, “जो लोग हर साल दिवाली और होली को इको-फ्रेंडली मनाने की सलाह देते हैं, वे बकरीद पर चुप क्यों रहते हैं? क्या वे मुस्लिम समाज से यह नहीं कह सकते कि वे भी वर्चुअल बकरा काटकर पर्यावरण के अनुकूल बकरीद मनाएं?”
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