महिलाएं देश की लगभग आधी आबादी हैं और उनका शिक्षा के द्वारा सशक्तीकरण देश को विकास के पथ पर ले जाने के लिए बहुत जरूरी है. यह विचार राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा (NCW chief Rekha Sharma) ने गैर-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड (एनसीडब्ल्यूईबी), दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्राओं के लिए क्षमता निर्माण और व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के दौरान व्यक्त किए. एनसीडब्ल्यूईबी की लगभग 9000 छात्राओं ने पीडीपी कार्यक्रम के लिए पंजीकरण कराया है जो दो सप्ताह के दौरान ऑनलाइन मोड में आयोजित किया जाएगा.
रेखा शर्मा ने कहा कि हमारा रूप ईश्वर प्रदत्त है लेकिन हमारे आचरण और प्रस्तुति, बोलने के कौशल पर काम किया जा सकता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि महिला आयोग ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों को समर्थन देकर ऐसा मंच देना चाहती है जहां छात्राएं बोलने, कार्य करने का कौशल और डिजिटल उपकरण भी सीख सकें जो कि कोविड परिस्थितियों में दुनिया का एक अभिन्न अंग बन गए हैं.
स्थायी समिति के अध्यक्ष, एनसीडब्ल्यूईबी और दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों के डीन, प्रो. बलराम पाणि ने कहा कि इस तरह के व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम विशेष रूप से एनसीडब्ल्यूईबी छात्रों के लिए नियमित रूप से आयोजित किए जाने चाहिए. एनसीडब्ल्यूईबी की निदेशक प्रो. गीता भट्ट ने कहा कि बड़ी संख्या में एनसीडब्ल्यूईबी की छात्र हाशिए के सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से आती हैं और इस तरह के व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम उनके लिए बहुत फायदेमंद हैं. वर्तमान में, 31,000 से अधिक लड़कियां एनसीडब्ल्यूईबी के माध्यम से दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ रही हैं. कार्यशाला में डिजिटल साक्षरता और सोशल मीडिया के प्रभावी उपयोग पर एक सत्र भी शामिल है. छात्रों को विभिन्न भुगतान गेटवे के बारे में भी सिखाया जाएगा. कार्यक्रम में एनसीडब्ल्यूईबी के केन्द्र प्रभारी और अतिथि अध्यापक भी उपस्थित थे, कार्यक्रम का संचालन डॉ. उमाशंकर,उप- निदेशक, एनसीडब्ल्यूईबी ने किया और आभार डॉ. सुनील कुमार ने व्यक्त किया.
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