
- प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली-एनसीआर और हैदराबाद में बी.सी. जिंदल ग्रुप से जुड़े 13 ठिकानों पर छापेमारी की है.
- जांच फेमा उल्लंघन के आरोप में जिंदल इंडिया थर्मल पावर लिमिटेड के विदेशी निवेश पर केंद्रित है
- ईडी का आरोप है कि इन कंपनियों ने विदेशी इकाइयों में फंड पार्किंग के संदिग्ध तरीके से धन जमा किया है.
ED Raid: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली-एनसीआर और हैदराबाद में 13 ठिकानों पर छापेमारी की है. ईडी की छापेमारी में बी.सी. जिंदल ग्रुप, उसके डायरेक्टर्स और अधिकारियों के ठिकाने शामिल हैं. बता दें कि फेमा उल्लंघन के मामले में जिंदल इंडिया थर्मल पावर लिमिटेड और जिंदल इंडिया पावरटेक लिमिटेड की विदेशी निवेश और फंड पार्किंग की जांच जारी है.
सूत्रों ने बताया कि ईडी कंपनी की समूह इकाइयों, जैसे जिंदल इंडिया थर्मल पावर लिमिटेड और जिंदल इंडिया पावरटेक लिमिटेड, द्वारा अपने विदेशी निवेश और अपनी विदेशी इकाइयों में धन जमा करने के लिए संदिग्ध फेमा उल्लंघनों की जांच कर रहा है. ईडी की कार्रवाई पर टिप्पणी के लिए कंपनी से तुरंत संपर्क नहीं किया जा सका. इस व्यावसायिक समूह का वार्षिक कारोबार 18,000 करोड़ रुपये से अधिक है और यह बिजली क्षेत्र में एक प्रमुख कंपनी है.
क्या है फेमा उल्लंघन?
बिना अनुमति के विदेश में पैसा भेजना या लाना, विदेशी मुद्रा का गलत इस्तेमाल करना, फेमा उल्लंघन कहलाता है. फेमा उल्लंघन का मतलब होता है FEMA violation, यहां फेमा से मतलब है फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट), जो भारत में विदेशी मुद्रा लेनदेन को नियंत्रित करता है. फेमा उल्लंघन का मतलब है कि कोई व्यक्ति या संस्था इस कानून के तहत निर्धारित नियमों का पालन नहीं कर रही है.
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