ईडी ने मैसूर (Mysore) के महाराजा के ब्रिटिश चर्म प्रसाधक (Taxidermist) से कथित तौर पर धोखाधड़ी करने वाले व्यक्ति की 117 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है. ईडी ने माइकल फ्लायॉड ईश्वर की संपत्तियां जब्त करने के लिए धन शोधन निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत एक अस्थायी आदेश जारी किया है. कर्नाटक के मैसुरू में रहने वाला फ्लायॉड घोड़ों को प्रशिक्षित करता है.
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा है कि जब्त की गई संपत्तियों में 70 ''बहुमूल्य'' ट्रॉफियां, शीशम की लकड़ी से बना फर्नीचर, मैसुरू में एक घर और केरल के वायनाड जिले में एक कॉफी बागान शामिल है. जब्त की गई संपत्तियों का कुल मूल्य 117.87 करोड़ रुपये है.
जांच एजेंसी ने कहा कि दिवंगत चर्म प्रसाधक एडविन जौबर्ट वान इंगेन भारत में रहते थे. फ्लायॉड ईश्वर ने जाली कागजातों के सहारे मैसूर के महाराजा द्वारा वान इंगेन को दिए गए तोहफे को हथिया लिया था. बता दें, मृत पशु-पक्षियों के खाल या चमड़े में भूसा आदि भरने और उसे मढ़ने की कला को चर्म प्रसाधन कहा जाता है और ऐसा काम करने वाले चर्म प्रसाधक कहलाते हैं.
ईडी ने कहा कि 2013 में बेंगलुरू पुलिस की सीआईडी द्वारा दाखिल आरोपपत्र के आधार पर धोखाधड़ी के मामले की जांच का जिम्मा उसने अपने हाथ में लिया था. सीआईडी उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर मामले की छानबीन कर रही थी. आरोप है कि फ्लायॉड ईश्वर ने जाली कागजातों के आधार पर संपत्ति अपने नाम पर स्थानांतरित करवाई थी.
ईडी ने कहा कि वान इंगेन के बारे में और उनकी सेवाओं के कारण मैसूर के महाराजा द्वारा दी गई संपत्ति के बारे में फ्लायॉड ईश्वर को पता था. उसे पता था कि वान इंगेन ने शादी नहीं की और बुजुर्ग है. उसने इसका फायदा उठाते हुए जालसाजी से वान इंगेन की संपत्ति अपने नाम कर ली. वान इंगेन का 101 साल की उम्र में 2013 में निधन हो गया था. फिलहाल ईडी इस मामले में आगे जांच कर रही है.