रॉबर्ट वाड्रा की फाइल फोटो.
नई दिल्ली:
प्रवर्तन निदेशालय( ED) ने शुक्रवार को कहा कि उसने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा की कंपनियों से जुड़े कुछ लोगों के परिसरों पर छापे मारे हैं. ये छापे रक्षा सौदे में कुछ लोगों द्वारा कथित रिश्वत लेने के संबंध में मारे गए हैं. अधिकारिक सूत्रों ने रक्षा सौदे के बारे में जानकारी देने से इंकार कर दिया.सूत्रों ने कहा कि छापे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और बेंगलुरू में तीन जगहों पर मारे गए.ईडी सूत्रों के अनुसार, स्काईलाइट हॉस्पिटलिटी के सुखदेव विहार स्थित कार्यालय में छापे पूर्वाह्न् 11 बजे मारे गए. वाड्रा के वकील सुमन ज्योति खेतान ने इन छापों को 'बदले की राजनीति और दुर्भावनापूर्ण बताया.'खेतान ने कहा, "पांच वर्षो से, वर्तमान सरकार ने मेरे मुवक्किल वाड्रा को डराने, उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने का हरसंभव प्रयास किया है. सरकार ने बदनीयती और उनकी छवि को बिगाड़ने और उनके परिजनों पर निशाना साधने के लिए ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग समेत सभी एजेंसियों का इस्तेमाल किया."
उन्होंने कहा, "इसी इरादे से जयपुर और दिल्ली के ईडी अधिकारियों ने सुखदेव विहार, नई दिल्ली के कार्यालयों पर छापा मारा और इसके साथ ही नोएडा स्थित उनके सहयोगी के आवास पर छापा मारा."उन्होंने कहा, "छापे पूरी तरह से अवैध तरीके से सुबह से ही मारे जा रहे हैं और किसी भी कर्मचारी को परिसरों में जाने की अनुमति नहीं है."
खेतान ने कहा, "इससे भी ज्यादा आश्चर्यजनक यह है कि सरकार या ईडी बार-बार आग्रह करने के बाद भी कार्यालय खोलने के लिए कर्मचारियों का इंतजार नहीं कर रहे थे."उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने अवैध रूप से दरवाजों और तालों को तोड़ दिया और कार्यालय में प्रवेश कर गए. उन्होंने कार्यालय के सभी केबिन के ताले भी तोड़ दिए हैं. ईडी अधिकारी कार्यालय के अंदर हैं और वे न तो वकील को अंदर जाने दे रहे हैं, और न किसी अन्य प्रतिनिधि को ही.
खेतान ने कहा, "यह जानते हुए कि वाड्रा ने कई वर्षो से सभी एजेंसियों के समन के जवाब दिए हैं और सभी दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं, एजेंसी ने छापे मारे."उन्होंने कहा, "मेरे मुवक्किल के खिलाफ यह सब बिना किसी अपराध दर्ज किए या एफआईआर दर्ज किए ही किया गया."खेतान ने कहा, "यह राजस्थान और तेलंगाना में हुए चुनाव के दौरान लोगों का ध्यान मुख्य मुद्दे से हटाने के लिए किया गया प्रयास है."
वीडियो- सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ केस
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा, "इसी इरादे से जयपुर और दिल्ली के ईडी अधिकारियों ने सुखदेव विहार, नई दिल्ली के कार्यालयों पर छापा मारा और इसके साथ ही नोएडा स्थित उनके सहयोगी के आवास पर छापा मारा."उन्होंने कहा, "छापे पूरी तरह से अवैध तरीके से सुबह से ही मारे जा रहे हैं और किसी भी कर्मचारी को परिसरों में जाने की अनुमति नहीं है."
खेतान ने कहा, "इससे भी ज्यादा आश्चर्यजनक यह है कि सरकार या ईडी बार-बार आग्रह करने के बाद भी कार्यालय खोलने के लिए कर्मचारियों का इंतजार नहीं कर रहे थे."उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने अवैध रूप से दरवाजों और तालों को तोड़ दिया और कार्यालय में प्रवेश कर गए. उन्होंने कार्यालय के सभी केबिन के ताले भी तोड़ दिए हैं. ईडी अधिकारी कार्यालय के अंदर हैं और वे न तो वकील को अंदर जाने दे रहे हैं, और न किसी अन्य प्रतिनिधि को ही.
खेतान ने कहा, "यह जानते हुए कि वाड्रा ने कई वर्षो से सभी एजेंसियों के समन के जवाब दिए हैं और सभी दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं, एजेंसी ने छापे मारे."उन्होंने कहा, "मेरे मुवक्किल के खिलाफ यह सब बिना किसी अपराध दर्ज किए या एफआईआर दर्ज किए ही किया गया."खेतान ने कहा, "यह राजस्थान और तेलंगाना में हुए चुनाव के दौरान लोगों का ध्यान मुख्य मुद्दे से हटाने के लिए किया गया प्रयास है."
वीडियो- सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ केस
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