कोरोना वायरस की महामारी के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharama) ने गुरुवार को दूसरी बार मीडिया से मुखातिब हुई. उन्होंने आज आर्थिक पैकेज के अंतर्गत किसानों, प्रवासी मजदूरों और महिलाओं को दी जाने वाली राहत के बारे में विस्तार से बताया. वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कि 23 राज्यों के 67 करोड़ लाभार्थियों के लिए एक देश, एक राशन कार्ड सिस्टम की व्यवस्था लागू की जाएगी. यह योजना सार्वजनिक वितरण से जुड़ी 83 फीसदी आबादी को कवर करेगी.उन्होंने बताया कि 23 राज्यों में मौजूद 67 करोड़ राशनकार्ड धारक (जो कुल PDS आबादी का 83 फीसदी है) अगस्त, 2020 तक नेशनल पोर्टेबिलिटी के तहत आ जाएंगे और मार्च, 2021 से पहले 100 फीसदी नेशनल पोर्टेबिलिटी हासिल कर ली जाएगी.
निर्मला सीतारमण ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को दो माह तक फ्री राशन मिलेगा. विभिन्न राज्यों में मौजूद प्रवासी मजदूरों, जो NFSA या राज्य कार्डधारक नहीं हैं, को दो माह तक पांच किलोग्राम अनाज प्रति व्यक्ति तथा एक किलोग्राम चना प्रति परिवार उपलब्ध कराया जाएगा.वित्त मंत्रालय की ओर से बताया गया कि मजदूरों को राशन के लिए 3500 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया.पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी.वित्त मंत्री ने बताया कि कोरोना वायरस के समय में 63 लाख लोन कृषि क्षेत्र के लिए मंजूर किए गए, यह राशि 86,600 करोड़ रुपये है. 1 मार्च से 30 अप्रैल 2020 के बीच कृषि के लिए 86, 000 करोड़ रुपये के 63 लाख ऋण मंजूर किए गए.
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