वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी (GDP) के आंकड़ों में सुधार से रेटिंग एजेंसियों ने भी सकारात्मक रुख दिखाया है. रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moodys) ने अपने आकलन में कहा है कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद भारत में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है. उपभोक्ता मांग में सुधार से विभिन्न क्षेत्रों में कमाई बढ़ी है. वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में GDP में 7.5 फीसदी की गिरावट रही है. जबकि विश्लेषकों ने जीडीपी में -8.8 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया था. पहली तिमाही में जीडीपी में -23.9 फीसदी की गिरावट रही थी. इससे अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिल रहे हैं.
इससे अगले साल भारतीय कंपनियों के लिए बेहतर अवसर पैदा हो सकते हैं. मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने बुधवार को ने कहा कि तेज गिरावट के बाद मांग में सुधार अच्छा संकेत है. इससे अधिकांश कंपनियों की आय बढ़ेगी. वित्तीय रूप से मजबूत कंपनियों के पास पूंजी जुटाने के बेहतर स्रोत उपलब्ध रहेंगे. जबकि अन्य क्षेत्रों को चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
मूडीज की विश्लेषक श्वेता पटौदिया ने कहा, ‘चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में करीब 10.6 प्रतिशत की गिरावट के बाद व्यापक स्तर पर मांग में सुधार और अगले वित्त वर्ष में जीडीपी में 10.8 प्रतिशत का मजबूत उछाल दर्ज किया जा सकता है.' मूडीज ने कहा कि 2021 में भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र के लिए हालात सुधरेंगे. आर्थिक गतिविधियों में लॉकडाउन हटने के बाद तेजी आने और विभिन्न क्षेत्रों में मांग में व्यापक सुधार का असर दिखाई देगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं