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जम्मू-कश्मीर के डोडा में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.6 दर्ज

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.6 मापी गई. इसका केंद्र ज़मीन से 5 किलोमीटर की गहराई में था.

जम्मू-कश्मीर के डोडा में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.6 दर्ज
  • जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.6 वाला भूकंप आया था
  • जम्मू-कश्मीर के डोडा में आए इस भूकंप का केंद्र जमीन से पांच किलोमीटर गहराई में था
  • भूकंप प्लेट टेक्टोनिक्स के कारण होता है जब धरती की सतह की प्लेटें आपस में रगड़ खाती हैं
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श्रीनगर:

जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में सोमवार तड़के भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.6 मापी गई. भूकंप सुबह 2:47 बजे आया और इसका केंद्र ज़मीन से 5 किलोमीटर की गहराई में था. इसका एपिसेंटर 33.10°N अक्षांश और 76.18°E देशांतर पर स्थित था. हालांकि अब तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है.

आखिर क्यों आते हैं भूकंप

भूंकप आखिर क्यों आते हैं, इसको समझने के लिए पहले हमें धरती की बनावट को सही से जानना होगा. धरती की बाहरी सतह (जिसमें क्रस्ट और ऊपरी मेंटल आते हैं) 15 बड़ी और छोटी प्लेटों से बनी हुई है. ऐसा नहीं है कि ये प्लेट स्थिर हैं. बल्कि ये बहुत धीरे इधर-उधर घूमती हैं. जब ये प्लेट एक दूसरे के सापेक्ष (आमने-सामने) में मूव करते हुए एक-दूसरे से रगड़ खाती हैं, तब भूकंप आता है.

यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे की साइट के अनुसार धरती के नीचे मौजूद ये प्लेट हमेशा धीरे-धीरे चलती हैं. घर्षण यानी फ्रिक्शन के कारण वे अपने किनारों पर अटक जाती हैं. इस कारण जब किनारे पर पड़ रहा तनाव फ्रिक्शन के फोर्स से ज्यादा हो जाता है, जिससे एनर्जी रिलीज होती है. जब यह एनर्जी लहर के रूप में धरती की परत से होकर गुजरती है तो हमें कंपन महसूस होता है. इसी कंपन को भूकंप आना कहते हैं और इसको रिक्टर स्केल पर नापते हैं.

भूकंप आने पर क्या करें? 

  • अपना संयम बनाए रखें
  • हाई-राईज बिल्डिंग के पहले या दूसरे फ्लोर पर हों तो तुरंत बाहर निकलकर खुले स्थान पर आएं

बिल्डिंग के अंदर

  •  बंद दरवाजों के भीतर किसी कमरे में हों तो इमारत के बीच में कहीं दीवार के सहारे खड़े हो जाएं
  • किसी टेबल या डेस्क के नीचे बैठ जाएं
  • खिड़कियों और बाहर खुलने वाले दरवाजों से दूर रहें
  • बड़े आइटम जैसे कैबिनेट्स, अलमारी और फ्रिज वगैरह से दूर रहें

बिल्डिंग से बाहर निकलते समय

  • टूटी-फूटी चीजों को देखते हुए निकलें
  • टूटे कांच या टूटी बिजली की तारों से बचकर रहें

विशेष सावधानियां

  • अगर आपके ऊपर सीलिंग टूटकर गिरने लगे या आस-पास इमारत गिरने लगे तो अपने मुंह और नाक को किसी कपड़े, स्कार्फ या रूमाल से ढक लें
  • अगर आप भूकंप के दौरान किसी सड़क पर हैं तो खुले स्थान पर आने की कोशिश करें और बिल्डिंग, पुल और बिजली के खंबों से दूर रहें
  •  अगर आप किसी चलती गाड़ी में हैं तो अपनी स्पीड कम कर लें और रोड के साइड में जहां गाड़ी खड़ी की जा सकती है वहां गाड़ी रोक लें

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