प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सोमनाथ मंदिर में पहुंचकर पूजन किया.
अहमदाबाद:
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी की ने गुजरात की 11वीं यात्रा की, लेकिन वे पहली बार सोमनाथ गए. उन्होंने लंबी पूजा की. इससे पहले वे दो बार सौराष्ट्र इलाके में गए थे जहां सोमनाथ है, लेकिन फिर भी वे वहां नहीं गए थे. इस बार की उनकी यात्रा ने गुजरात में जल्द चुनावों की अटकलें तेज कर दी हैं. वजह यह मानी जा रही है कि लोकसभा चुनावों की तैयारी से पहले फरवरी 2014 में मोदी अंतिम बार सोमनाथ गए थे. पार्टी के लोग कहते हैं कि आम तौर पर मोदी गुजरात के चुनावों से पहले सोमनाथ जाते रहे हैं. पार्टी इसके संकेतों को कुछ खास आधिकारिक तौर पर नहीं मानती लेकिन कहती है कि वह चुनाव के लिए तैयार है.
भाजपा के प्रवक्ता भरत पंड्या ने एनडीटीवी को बताया कि वैसे तो चुनाव दिसम्बर 2017 में हैं चुनाव कभी भी आए पार्टी के कार्यकर्ता तैयार हैं और जल्द चुनाव होने पर भी वे बेहतर प्रदर्शन करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार पार्टी के सभी विधायकों, सांसदों और पदाधिकारियों के साथ बंद दरवाजे में बैठक की. पूरी बैठक इतनी खुफिया रखी गई कि विधायकों, सांसदों और यहां तक की मंत्रियों के मोबाइल फोन तक बाहर रखवाए गए थे. भाजपा के सूत्रों के जरिए जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक नरेंद्र मोदी ने बैठक को संबोधित किया. उन्होंने सभी नेताओं को आंतरिक कलह को दूर करने की ताकीद भी की. आखिर मोदी के जाने के बाद से ही राज्य में अमित शाह, आनंदीबेन पटेल और पुरुषोत्तम रूपाला की गुटबाजी के बारे में सभी जानते हैं.
मोदी ने यह भी कहा कि उनके 2019 में चुनाव जीतने की पहली जरूरत गुजरात में भारी जीत है. गुजरात में कम से कम 150 सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चुनाव में उतरना चाहिए.जल्द ही मुश्किल क्षेत्रों में संगठन मजबूत कर चुनाव की रणनीति तैयार करे.
इस घटनाक्रम से भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह चुनावी मोड में आ गई है. कांग्रेस भी चुनावी मोड में आने की जल्दबाजी में जुट गई है कि कहीं वह असावधान न रह जाए. अब सभी निगाहें 11 मार्च को आने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों पर हैं जिस पर गुजरात के चुनाव का भविष्य भी निर्भर है.
भाजपा के प्रवक्ता भरत पंड्या ने एनडीटीवी को बताया कि वैसे तो चुनाव दिसम्बर 2017 में हैं चुनाव कभी भी आए पार्टी के कार्यकर्ता तैयार हैं और जल्द चुनाव होने पर भी वे बेहतर प्रदर्शन करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार पार्टी के सभी विधायकों, सांसदों और पदाधिकारियों के साथ बंद दरवाजे में बैठक की. पूरी बैठक इतनी खुफिया रखी गई कि विधायकों, सांसदों और यहां तक की मंत्रियों के मोबाइल फोन तक बाहर रखवाए गए थे. भाजपा के सूत्रों के जरिए जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक नरेंद्र मोदी ने बैठक को संबोधित किया. उन्होंने सभी नेताओं को आंतरिक कलह को दूर करने की ताकीद भी की. आखिर मोदी के जाने के बाद से ही राज्य में अमित शाह, आनंदीबेन पटेल और पुरुषोत्तम रूपाला की गुटबाजी के बारे में सभी जानते हैं.
मोदी ने यह भी कहा कि उनके 2019 में चुनाव जीतने की पहली जरूरत गुजरात में भारी जीत है. गुजरात में कम से कम 150 सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चुनाव में उतरना चाहिए.जल्द ही मुश्किल क्षेत्रों में संगठन मजबूत कर चुनाव की रणनीति तैयार करे.
इस घटनाक्रम से भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह चुनावी मोड में आ गई है. कांग्रेस भी चुनावी मोड में आने की जल्दबाजी में जुट गई है कि कहीं वह असावधान न रह जाए. अब सभी निगाहें 11 मार्च को आने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों पर हैं जिस पर गुजरात के चुनाव का भविष्य भी निर्भर है.
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