रेलवे की डायनमिक किराया प्रणाली समझ से बाहर, राज्यसभा में उठी हटाने की मांग

रेलवे की डायनमिक किराया प्रणाली समझ से बाहर, राज्यसभा में उठी हटाने की मांग

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली:

राज्यसभा में गुरुवार को विपक्ष ने ट्रेनों में डायनमिक किराया प्रणाली की आलोचना करते हुए यात्रियों की सुरक्षा और विभिन्न सुविधाएं बढ़ाए जाने तथा बड़ी संख्या में खाली पदों को जल्द भरे जाने की मांग की. सपा के जावेद अली खान ने कहा कि रेलवे में किराए और यात्रियों को मिल रही सुविधाओं के बीच सामंजस्य नहीं है.

डायनमिक किराया प्रणाली की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रणाली आम लोगों की समझ से बाहर है. उन्होंने कहा कि जिन ट्रेनों में यह प्रणाली लागू की गई है, उनसे होने वाली आमदनी में कमी दर्ज की गई है. वह रेल मंत्रालय के कामकाज और रेलवे से संबंधित विनियोग विधेयकों पर एक साथ हुई चर्चा में भाग ले रहे थे. उन्होंने ट्रेनों के समय से नहीं चलने पर भी चिंता जताई और कहा कि यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि ट्रेनें सर्दियों के अलावा बाकी दिनों में भी घंटों देरी से चलती हैं.

सपा सदस्य ने कहा कि रेलवे के कर्मचारियों की स्थिति अन्य मंत्रालयों से बेहतर है लेकिन इसके बाद भी यहां वेतनमान में विसंगितयां हैं. उन्होंने इसे दूर किए जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि रेलवे में सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में लाखों पद खाली हैं जिससे रेलवे का कामकाज प्रभावित होना स्वाभाविक है. खान ने ट्रेनों में सफाई का मुद्दा उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए स्वच्छता अभियान से रेलवे को भी जोड़ देना चाहिए. उन्होंने दुर्घटनाओं की स्थिति में मुआवजा प्राप्त करने की प्रक्रिया को काफी जटिल बताते हुए मांग की कि इससे जुड़े नियमों को सरल किया जाना चाहिए. उन्होंने चंदौसी स्थित जोनल प्रशिक्षण संस्थान से जुड़े मुद्दों को हल करने की भी मांग की.

कांग्रेस के नरेंद्र बुडानिया ने रेल बजट को आम बजट में शामिल किए जाने की आलोचना की. उन्होंने सवाल किया कि क्या आजादी के बाद बनी सरकारें रेल का विकास नहीं चाहती थीं जिन्होंने रेल बजट के चलन को जारी रखा. लेकिन इस सरकार ने नीति आयोग की सिफारिश पर इसे समाप्त कर दिया. उन्होंने कहा कि आम बजट में रेलवे के विकास के लिए कोई रोडमैप पेश नहीं किया गया है. कांग्रेस सदस्य ने भी यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने की मांग की. चर्चा अधूरी रही.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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