
पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर स्थित एक मेडिकल कॉलेज के पास गैंगरेप का शिकार हुई 23 वर्षीय MBBS छात्रा आधी रात को कॉलेज कैंपस के बाहर नहीं गई थी, जैसा कि सीएम ममता बनर्जी ने अपने बयान में कहा था. एनडीटीवी को पीड़िता के पिता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत मिली है, जो इस मामले में एफआईआर का आधार बनी है. शिकायत में कहा गया है कि यौन उत्पीड़न रात करीब 8 बजे हुआ जब पीड़िता अपने एक कॉलेज मित्र के साथ बाहर गई थी.
इससे पहले मुख्यमंत्री ने छात्रों की सुरक्षा की जिम्मेदारी निजी कॉलेजों पर डालने की कोशिश की थी और सवाल उठाया था कि मूल रूप से ओडिशा की रहने वाली छात्रा देर रात कॉलेज कैंपस से कैसे निकली?
बता दें कि ममता बनर्जी ने कहा था कि वह एक निजी मेडिकल कॉलेज में पढ़ रही थी. इसकी जिम्मेदारी किसकी है? वह रात के 12.30 बजे बाहर कैसे आ गई. उन्होंने कहा कि निजी मेडिकल कॉलेजों को अपने स्टूडेंट्स का ध्यान रखना चाहिए. बनर्जी ने कहा कि उन्हें बाहर नहीं आने देना चाहिए. उन्हें अपनी सुरक्षा खुद करनी होगी. यह एक जंगली इलाका है. इस टिप्पणी से भारी विवाद छिड़ गया. मुख्यमंत्री पर पीड़िता को शर्मिंदा करने और जघन्य अपराध की जिम्मेदारी से बचने का आरोप लगाया गया.
भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि मुख्यमंत्री झूठ बोल रही हैं और छात्रा रात 8 बजे खाना खरीदने बाहर गई थी. उन्होंने पूछा कि अफगानिस्तान की तरह, पश्चिम बंगाल में भी ममता बनर्जी के नेतृत्व में तालिबान की सरकार है. ममता बनर्जी कहना चाहती हैं कि पश्चिम बंगाल में महिलाएं आधी रात के बाद बाहर नहीं निकलेंगी. लोग दफ़्तर नहीं जाएंगे और डॉक्टर अस्पताल नहीं जाएंगे. क्या आप कह रही हैं कि अगर हम आधी रात के बाद बाहर निकलेंगे तो बलात्कार हो जाएगा?
सीपीएम के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने भी पूछा कि क्या बंगाल में तालिबानी राज है. उन्होंने कहा कि आरजी कर मामले के बाद पुलिस ने जांच में ढिलाई बरती और अपराधियों को संरक्षण दिया. उस दौरान भी उन्होंने कहा था कि महिलाओं को रात में काम नहीं करना चाहिए. यह मानसिकता राजा राम मोहन राय और विद्यासागर की विचारधारा और हमारे सामाजिक सुधारों के बिल्कुल विपरीत है. स्त्री-पुरुष समान हैं. ममता बनर्जी हमेशा महिलाओं को ही दोषी ठहराती हैं, चाहे वह पार्क स्ट्रीट हो या कोई और घटना."
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