- वित्त मंत्री ने बजट 2025 में इनकम टैक्स रेट में कटौती कर आर्थिक सुधारों को तेजी से लागू करने का निर्णय लिया
- जीएसटी रेट स्लैब को पांच से घटाकर दो किया गया जिससे आम वस्तुओं की कीमतों में कमी आई और खर्च कम हुआ
- छोटे और लघु उद्योगों को बिना गारंटी के लोन उपलब्ध कराकर उनकी वित्तीय स्थिति और बाजार पहुंच को मजबूत किया गया
साल 2025 आर्थिक सुधारो का साल रहा! साल की शुरुआत में वित्त मंत्री ने बजट 2025 में इनकम टैक्स रेट में बड़ी कटौती का ऐलान किया.साथ ही, आर्थिक सुधार की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए कई बड़े फैसलों का ऐलान किया. NDTV ने इन तमाम बड़े फैसलों को लेकर आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के सदस्य और आईएसआईडी के डायरेक्टर डॉ. नागेश कुमार से खास बातचीत की.
बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि GST रेट स्ट्रक्चर में महत्वाकांक्षी बदलाव किए गए. GST Slabs 5 से घटकर 2 किए गए. इसकी वजह से आम जरूरत की चीज और सामान सस्ते हुए और आम लोगों पर खर्च का बोझ कम हुआ.इन दोनों बड़े फैसलों की वजह से आम लोगों की जेब में ज्यादा पैसे पैसों की बचत हुई और उन्होंने बाजार में ज्यादा खर्च किया.इससे अर्थव्यवस्था में डिमांड बढ़ी, कंजप्शन भी बढ़ी.इसकी वजह से अर्थव्यवस्था में विकास दर में भी तेजी आई.
उन्होंने आगे कहा कि 2025 के दौरान भारत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज रफ्तार से आगे बढ़ाने वाली अर्थव्यवस्था बना रहा.श्रम सुधार कानून को लागू करने का फैसला भी बेहद महत्वपूर्ण फैसला था. इससे इंडस्ट्री और बिजनेस सेक्टर में Ease of Doing Business बेहतर हुआ और कर्मचारियों और workers को भी ज्यादा अधिकार मिले.इस साल के दौरान छोटे और लघु उद्योगों को कॉलेटरल फ्री लोन देने का एक बड़ा फैसला सरकार ने किया.इससे देश के सैकड़ो छोटे लघु उद्योगों के लिए बाजार से क्रेडिट हासिल करना आसान हो गया और उनकी लिक्विडिटी बढ़ी.
डॉ. नागेश कुमार ने कहा कि मनरेगा की जगह ले गए नए "जी राम जी" कानून से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. ग्रामीण workers ko अब 100 दिन की जगह 125 दिन तक रोजगार मिलेगा.साथ ही, सरकार भी बड़े स्तर पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए फंड मुहैया कराएगी इसका ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर मल्टीप्लायर इफ़ेक्ट होगा.
2025 के दौरान अमेरिका ने भारत पर काफी ज्यादा रिसिप्रोकल टैरिफ लगाया. इसके असर से निपटने के लिए मोदी सरकार ने दुनिया के कई देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTAs) साइन किया. कई देशों जैसे अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के साथ FTAs को लेकर अभी बातचीत चल रही है. इसकी वजह से एक्सपोर्ट सेक्टर में सेंटीमेंट बेहतर हुआ है और भारतीय प्रोडक्ट्स को अंतरराष्ट्रीय बाजार में ज्यादा जगह मिली है.
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