वैवाहिक वेबसाइटों के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने के लिए सरकार चाहती है कि ऐसी वेबसाइटें अनिवार्य तौर पर पहचान पत्रों और पते के सबूतों से उपयोगकर्ताओं का सत्यापन करें। अश्लील सामग्री डालने पर रोक लगाएं तथा वे उन्हें डेटिंग का मंच न बनने दें।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार मंत्री रविशंकर ने वैवाहिक वेबसाइटों के कामकाज पर एक परामर्श पत्र को आज मंजूरी दी जिसमें नियमावली होगी और ऐसे मंचों को दुरुपयोग रोकने के लिए उन्हें उन नियमों का पालन करना होगा।
आईटी कानून का पालन अनिवार्य
एक सूत्र ने कहा, ‘वैवाहिक वेबसाइटें सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा दो के तहत मध्यस्थ हैं तथा उनके लिए आईटी कानून का पालन करना अनिवार्य है। ’ इस परामर्श पत्र के अनुसार वैवाहिक वेबसाइटों को इस बात का सत्यापन करना होगा कि जब उपयोगकर्ता इस मंच से जुड़ने के लिए पंजीकरण करता है तो उसकी मंशा परिणय सूत्र में बंधने की है और इसका भी सत्यापन करना होगा कि उपयोगकर्ता की सूचना उसकी जानकारी के मुताबिक सही है।
पहचान के दस्तावेज अपलोड करने होंगे
इस परामर्श पत्र के लागू हो जाने के बाद वैवाहिक वेबसाइटों के उपयोगकर्ताओं को अपने सत्यापन के लिए पहचान के सबूत तथा पता जैसे दस्तावेजों की वास्तविक प्रतियां अपलोड करनी होंगी। यह वेबसाइटें इस बात की सूची जारी करेंगी कि कौन से कानून सम्मत दस्तावेज उसकी पहचान के सबूत होंगे। इस नए परामर्श पत्र में वेबसाइटों पर डेटिंग मंच को वैवाहिक वेबसाइटों के रूप में पेश करने पर मनाही है।
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