नई दिल्ली:
दुर्गाशक्ति नागपाल का निलंबन मस्जिद की दीवार गिराने के नाम पर हुआ, लेकिन हकीकत बता रही है कि दरअसल नरेंद्र भाटी के करीबी एक रेत ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई भी इसकी वजह बनी।
ओमेंद्र खारी वह शख्स है जिसने नरेंद्र भाटी के समर्थन में पोस्टर भी छपवाए हैं। एनडीटीवी को मिले दस्तावेज बताते हैं कि ओमेंद्र खारी ने जुलाई के पहले हफ्ते में आठ करोड़ का रेत खुदाई का ठेका लिया था।
नीलामी खत्म होने तक इस रकम का 25 फीसदी यानी दो करोड़ रुपये उसने नहीं जमा कराए। 11 जुलाई को खनन विभाग ने दुर्गा शक्ति नागपाल के आदेश पर खारी के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया।
25 जुलाई को ओमेंद्र खारी इलाहाबाद हाइकोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे का ऑर्डर ले आया और 27 जुलाई को दुर्गाशक्ति नागपाल का निलंबन हो गया।
ओमेंद्र खारी वह शख्स है जिसने नरेंद्र भाटी के समर्थन में पोस्टर भी छपवाए हैं। एनडीटीवी को मिले दस्तावेज बताते हैं कि ओमेंद्र खारी ने जुलाई के पहले हफ्ते में आठ करोड़ का रेत खुदाई का ठेका लिया था।
नीलामी खत्म होने तक इस रकम का 25 फीसदी यानी दो करोड़ रुपये उसने नहीं जमा कराए। 11 जुलाई को खनन विभाग ने दुर्गा शक्ति नागपाल के आदेश पर खारी के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया।
25 जुलाई को ओमेंद्र खारी इलाहाबाद हाइकोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे का ऑर्डर ले आया और 27 जुलाई को दुर्गाशक्ति नागपाल का निलंबन हो गया।
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