आसमान में प्लेन को अक्सर उड़ते देखा होगा. उड़ने से पहले रनवे पर ये टायर की मदद से चलते हैं और उतरते भी हैं. देखा जाए तो प्लेन का वजन बहुत ही ज्यादा भारी होता है. ऐसे में मन में जरूर सवाल उठ रहा होगा कि आखिर प्लेन के टायर कितने मजबूत होंगे, क्या टेकऑफ या लैंडिंग करते समय इसके टायर भी फटते हैं. ये आर्टिकल इन्हीं जवाबों के लिए लिखा गया है. आइए इन्ही सब सवालों के जवाब इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं.
प्लेन के टायर की खासियत
विमान के टायर को बनाने के लिए खास तरीके की चीज़ों को जोड़ा जाता है. यह रबर, स्टील और कपड़े की कई परतों से बने होते हैं. इसकी मदद से ये टायर काफी मजबूत होते हैं, जो विषम परिस्थिति में भी विमान को टेकऑफ, लैंडिंग में मदद करते हैं. एयर इंडिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी शेयर की है. हवाई जहाज के टायरों में कार के टायरों की तुलना में छह गुना अधिक दबाव होता है. जानकारी के मुताबिक, एक सामान्य हवाई जहाज का टायर लगभग 500 लैंडिंग तक चल सकता है, जिसके बाद आमतौर पर ऊपरी सतह को बदल दिया जाता है.
Did you know? Aircraft tyres can last between 150 and 400 landings!
— Air India (@airindia) October 19, 2024
Their lifespan depends on various factors, including aircraft type, landing conditions, and temperature extremes. After each landing, a walk-around inspection is conducted for checking tyres and ensuring all… pic.twitter.com/J9dZEC7LYy
प्लेन के टायर क्यों नहीं फटते?
हवाई जहाज के टायर गाड़ियों के टायर से अलग बनाए जाते हैं. इसके टायरों में रबड़ के साथ कई और पदार्थ जैसे एल्युमीनियम और स्टील को भी मिक्स किया जाता है. हवाई जहाज के टायर में कार के टायर के मुकाबले 6 गुना ज्यादा प्रेशर से हवा भरी जाती है. इसलिए ये इतने वजन के भार को सहन कर पाते हैं. टायर को विमान में लगने से पहले कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है. टेस्टिंग के बाद ही इसे सेवा में लाया जाता है. चूंकि, प्लेन के टायर कई पदार्थों से मिलाकर बनाए जाते हैं, इसलिए टायर की फटने की संभावना काफी कम रहती है.
कितने दिनों तक हो सकता है एक टायर का इस्तेमाल?
देखा जाए तो हवाई जहाज क्षमताओं के हिसाब से कई तरह के होते हैं. कुछ जहाज केवल मालवाहक होते हैं और कुछ यात्री वाहक ऐसे में टायर कितने दिनों तक इस्तेमाल में रहेगा यह इस बात पर निर्भर करेगा कि वह अब तक कितनी फ्लाइट्स कर चुका है. जानकारी के मुताबिक, एक सामान्य हवाई जहाज का टायर लगभग 150-400 लैंडिंग तक चल सकता है, जिसके बाद आमतौर पर ऊपरी सतह को बदल दिया जाता है.
टायरों में भरी जाती है नाइट्रोजन गैस
हवाई जहाज के टायरों में नॉर्मल गैस की बजाय नाइट्रोजन गैस भरी जाती है, क्योंकि नाइट्रोजन गैस बाकी गैसों की तुलना में सूखी और हल्की होती है. रिपोर्ट के मुताबिक, नाइट्रोजन गैस भरने से टायर पर तापमान और प्रेशर का कोई असर नहीं होता है. विमान को कई विषम परिस्थितयों से गुजरना पड़ता है, ऐसे में नाइट्रोजन गैस ही सबसे उपयुक्त है.
उच्च भार क्षमता: हवाई जहाज के टायरों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये टेकऑफ और लैंडिंग के समय अच्छे से काम करे. इन्हें खास तरह से बनाया गया है.
टिकाऊपन: टायर विशेष रबर यौगिकों से बने होते हैं जो टूट-फूट के साथ-साथ उच्च गति के प्रभावों के प्रति प्रतिरोध प्रदान करते हैं. उन्हें तापमान भिन्नता और जेट ईंधन के संपर्क सहित चरम स्थितियों का सामना करना होगा.
उच्च दबाव: हवाई जहाज के टायरों को कार के टायरों की तुलना में बहुत अधिक दबाव तक फुलाया जाता है, आमतौर पर वाणिज्यिक विमानों के लिए 30 से 50 पीएसआई (पाउंड प्रति वर्ग इंच) के बीच. यह उच्च दबाव भारी भार के तहत संरचनात्मक अखंडता बनाए रखने में मदद करता है.
ट्रेड डिज़ाइन: ट्रेड पैटर्न रनवे पर इष्टतम पकड़ के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जो टेकऑफ़ और लैंडिंग के दौरान कर्षण प्रदान करते हैं. हाइड्रोप्लानिंग के जोखिम को कम करने के लिए ट्रेड पानी को दूर ले जाने में भी मदद करता है.
गर्मी प्रतिरोध: लैंडिंग के दौरान, घर्षण के कारण टायरों में काफी गर्मी जमा हो सकती है. हवाई जहाज के टायरों को फटने से बचाने के लिए गर्मी को प्रभावी ढंग से नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
एकाधिक परतें: मजबूती और लचीलेपन को बढ़ाने के लिए उनमें अक्सर स्टील बेल्ट सहित विभिन्न सामग्रियों की कई परतें होती हैं. यह स्तरित निर्माण झटके और प्रभावों को अवशोषित करने में मदद करता है.
सुरक्षा सुविधाएं: कई विमानों के टायर टायर की स्थिति और प्रदर्शन की निगरानी के लिए घिसाव संकेतक और दबाव सेंसर जैसी सुविधाओं से सुसज्जित होते हैं.
विशिष्ट रखरखाव: सुरक्षा और प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए हवाई जहाज के टायरों को कठोर निरीक्षण और रखरखाव प्रोटोकॉल से गुजरना पड़ता है. विशिष्ट टूट-फूट मानदंडों के आधार पर उन्हें अक्सर दोबारा तैयार किया जाता है या बदल दिया जाता है.
ये विशेषताएं यह सुनिश्चित करने के लिए संयोजित होती हैं कि हवाई जहाज के टायर विमानन के मांग वाले वातावरण में प्रभावी ढंग से प्रदर्शन कर सकते हैं.
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