सांसद बने निरहुआ लोकसभा में पहले भाषण से ही जमाई धाक, उठाया भोजपुरी का मुद्दा

निरहुआ ने कहा कि बिल्कुल हमें अपनी भाषा का मुद्दा उठाना चाहिए, क्योंकि भाषा का विकास होगा तो बाकी का विकास भी होगा. कहीं ना कहीं यह भोजपुरी भाषियों की सबसे बड़ी मांग है. मुझसे पहले भी कई लोग इस बात को उठा चुके हैं.

नई दिल्ली:

आजमगढ़ (Azamgarh) से बीजेपी (BJP)  के सांसद दिनेश लाल उर्फ निरहुआ (Dinesh Lal Yadav Nirahua) ने पहली बार लोकसभा में बोलते हुए भोजपुरी (Bhojpuri) भाषा को संवैधानिक दर्जा दिए जाने का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि अफसोस की बात है कि इसे अब तक संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है. 18 बार इसको लेकर प्राइवेट मेंबर बिल आ चुका है. 16 देशों में यह भाषा बोली जाती है, लेकिन अभी तक इसे दर्जा नहीं मिला.दिल्ली से दूसरे सांसद मनोज तिवारी ने दिनेश लाल की इस मांग का समर्थन किया. निरहुआ ने कहा कि बिल्कुल हमें अपनी भाषा का मुद्दा उठाना चाहिए, क्योंकि भाषा का विकास होगा तो बाकी का विकास भी होगा. कहीं ना कहीं यह भोजपुरी भाषियों की सबसे बड़ी मांग है. मुझसे पहले भी कई लोग इस बात को उठा चुके हैं. हमारे भैया मनोज तिवारी भी इस बात को उठा चुके हैं और मुझे भी लगा कि यह मुद्दा उठाना चाहिए. अपनी बात रखनी चाहिए. उसके बाद आगे सारे मुद्दे हैं. भोजपुरी पर बात करना सबसे जरूरी था.

मोदी है तो मुमकिन है : मनोज तिवारी
वहीं मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) ने कहा कि भोजपुरी को संवैधानिक दर्जा नहीं मिला इसीलिए यह लड़ाई चल रही है. 1967 में पहली बार यह मुद्दा उठा. दिनेश ने  ठीक ही कहा कि समय समय पर कई लोगों ने इस बात को रखा है, लेकिन निदान नहीं हो पाया. एक बार तो कांग्रेस की गवर्नमेंट में तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम ने भोजपुरी में कहा कि हम रउआ सबके भावना समझत तानी जल्दी हुई...लेकिन उस समय भी भोजपुरी को सम्मान नहीं मिला, अब हम लोग कोशिश कर रहे हैं और पूरा विश्वास है मोदी जी हैं तो मुमकिन है.

भोजपुरी को बाकी देशों में सम्मान मिल रहा है तो अपने देश में क्यों नहीं : निरहुआ
निरहुआ ने कहा कि अब हो जाए अब हमनी के सब कोई यह विषय पर बात करत तानी जा... हम लोग व्यक्तिगत तौर पर मिलकर भी या आग्रह कर चुके हैं कि भोजपुरी का हक है, बाकी देशों में सम्मान मिल रहा है तो फिर अपने देश में क्यों नहीं.

उम्मीद है भोजपुरी लोगों को जल्द खुशखबरी मिलेगी : मनोज तिवारी

मनोज तिवारी ने कहा कि अच्छी बात है कि वर्तमान सरकार ने इसका एक निदान निकाला है और उसके तहत जो भाषा दूसरे देश में मान्यता प्राप्त है. उसको भारत में मान्यता देने का कार्य शुरू हो गया है. इसके अंतर्गत भोजपुरी राजस्थानी और भोटी 3 भाषा आ रही हैं. मुझे उम्मीद है यह भोजपुरी लोगों को जल्दी खुशी मिलेगी. दिनेश ने गाना भी गाया है...चाहे रहिया मुंबई-दिल्ली, चाहे रहिए मसूरी में लिखह पढ़िए कौनो भाषा बतिहए भोजपुरी में...

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