दिल्ली धर्म संसद में हेट स्पीच मामले (Delhi Dharam Sansad hate speech case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली पुलिस से वॉयस सैंपल रिपोर्ट और चार्जशीट की कॉपी दाखिल करने को कहा है. मामले में अप्रैल के अगले हफ्ते में सुनवाई होगी. सुनवाई के दौरान ASG केएम नटराज ने कहा कि फॉरेंसिक लैब से वॉयस सैंपल की रिपोर्ट आनी है. इस पर CJI ने कहा कि ट्रायल एडवांस स्टेज में है. इस अदालत में रिपोर्ट पेश की जाए और चार्जशीट की कॉपी भी इस अदालत के सामने पेश की जाए. दरअसल तुषार गांधी की अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. पिछली सुनवाई में दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि दिसंबर 2021 में दिल्ली की धर्म संसद में दिए गए कथित हेट स्पीच की जांच काफी हद तक पूरी हो चुकी है और मामले में जल्द ही फाइनल रिपोर्ट दायर की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को इस संबंध में निवारक कदमों और जांच के स्टेटस को लेकर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था.
दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि वो 2021 धार्मिक सभा में कथित हेट स्पीच की सही और निष्पक्ष जांच कर रही है. मामले की जांच चल रही है. मामले से जुड़े कई लोगों का परीक्षण किया गया है. उसने दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता,सुदर्शन न्यूज के एडिटर-इन-चीफ और हिंदू युवा वाहिनी के सदस्यों की जांच की है. फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी, मार्च में सुदर्शन न्यूज के संपादक की आवाज के नमूने की यूट्यूब के वीडियो से तुलना करने वाली है. दिल्ली पुलिस के जांच अधिकारी ने एक हलफनामे में कहा है कि दिल्ली राज्य भाजपा के प्रवक्ता विक्रम बिधूड़ी - जो प्रतिभागियों में से एक थे - और सुदर्शन न्यूज के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके से 1 नवंबर 2022 को पूछताछ की गई थी. इसमें कहा गया है कि कथित हेट स्पीच वाले वीडियो की जांच की गई है और रिकॉर्ड तैयार किया गया है. फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी, दिल्ली ने सुरेश चव्हाणके के वॉयस सैंपल की रिकॉर्डिंग के लिए 17 मार्च 2023 की तारीख तय की है. इसके बाद उनकी वॉयस रिकॉर्डिंग के नमूने की तुलना यूट्यूब से डाउनलोड किए गए वीडियो/ऑडियो से की जाएगी
MLAT की प्रक्रिया के माध्यम से कार्यक्रम के दौरान दिए गए भाषण के वीडियो और यूट्यूब पर अपलोड किए गए वीडियो का विवरण प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है. एक मसौदा 'अंतिम रिपोर्ट' तैयार की गई है और उसे जांच के लिए अभियोजन शाखा भेजा गया है. हालांकि पब्लिक प्रॉसीक्यूटर द्वारा कुछ बिंदु उठाए गए हैं और उन बिंदुओं पर जांच की जा रही है. 13 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस पर बड़े सवाल उठाए थे और पूछा था कि धर्म संसद 19 दिसंबर 2021 को हुई थी. इसके पांच महीने बाद FIR क्यों दर्ज की गई ? FIR दर्ज होने के 8 महीने बाद भी जांच कहां तक पहुंची ? मामले मे कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया ? कितने लोगों से पूछताछ की गई और इस मामले में क्या कदम उठाए गए ? मामले में जांच अधिकारी से दो हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई थी.
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