- महाराष्ट्र निकाय चुनावों में भाजपा और शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) ने मिलकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है.
- सीएम देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे की बैठक में महायुति के रूप में चुनाव लड़ने पर सहमति बनी.
- आगामी दो-तीन दिनों में स्थानीय स्तर पर नगर निगमों में सीट बंटवारे और अन्य चुनावी रणनीतियों पर चर्चा शुरू होगी.
महाराष्ट्र के आगामी निकाय चुनावों को लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच सोमवार को बैठक हुई. करीब डेढ़ घंटे तक चली यह बैठक बंद कमरे में हुई. बैठक के बाद एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस बैठक में मुंबई और ठाणे सहित राज्य भर में आगामी निकाय चुनाव मिलकर लड़ने का फैसला किया गया. इस महत्वपूर्ण बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले और वरिष्ठ शिवसेना नेता रवींद्र चव्हाण भी मौजूद थे.
बैठक के बाद शिवसेना की ओर से एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि दोनों दलों के नेताओं के बीच महायुति के रूप में एकजुट होकर निकाय चुनाव लड़ने पर सकारात्मक चर्चा हुई है.
नेताओं के एक-दूसरे की पार्टी में जाने पर रोक
दोनों नेताओं के बीच बैठक के बाद अब अगले दो-तीन दिनों में हर नगर निगम के नेताओं के बीच सीटों के बंटवारे और अन्य विवरणों को अंतिम रूप देने के लिए स्थानीय स्तर पर चर्चा शुरू होगी.
साथ ही इस बात पर भी सहमति बनी है कि भाजपा और शिवसेना के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को एक-दूसरे की पार्टियों में जाने की अनुमति नहीं होगी.
महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच मुकाबला
महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में मुख्य मुकाबला प्रमुख रूप से सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी महाविकास अघाड़ी के बीच होना है. महायुति राज्य की सत्ता पर काबिज है और उसके प्रमुख घटक दलों में भाजपा, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) शामिल हैं.
वहीं महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) और अन्य दल शामिल हैं.
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