
- पंजाब में बाढ़ की वजह से अब तक 48 लोगों की मौत हो चुकी है और किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं.
- सेना ने अप्रैल से देश के 75 स्थानों पर राहत कार्य करते हुए 21,500 से अधिक नागरिकों की जान बचाई है.
- सेना के इंजीनियरों ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में संपर्क बहाल करने के लिए 29 पुलों का निर्माण किया है.
देश भर के कई इलाकों में बाढ़ ने तांडव मचा रखा है, पंजाब में अब तक 48 लोगों की मौत हो चुकी है. किसानों की लहलहाती फसलें डूब कर बर्बाद हो चुकी हैं. इस बीच सेना ने बताया है कि अप्रैल में मॉनसून की पहली आवक के लेकर अब तक देश भर के 75 स्थानों पर अलग-अलग राहत व बचाव कार्य में उसने 21,500 से ज़्यादा नागरिकों की जान बचाई है. साथ ही कुल 126 बचाव टुकड़ियों ने लगभग 9,700 लोगों को चिकित्सा सहायता मुहैया कराई है.

सेना ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में संपर्क बहाल करने के लिए सेना के इंजीनियरों ने 29 पुलों का निर्माण भी किया है. एक पुल 110 फीट लंबा है. कुल 12 स्थानों पर बांधों को मज़बूत बनाया है. साथ ही बाढ़ प्रभावित लोगों तक 23 हज़ार किलो से ज़्यादा राहत सामग्री पहुंचाई है. राहत अभियानों के दौरान सेना के हेलिकॉप्टरों ने 500 से ज़्यादा घंटे तक उड़ान भी भरी है. देश भर में सक्रिय कुल 126 सैन्य टुकड़ियों में 48 बचाव टुकड़ियां अकेले पंजाब में तैनात की गई हैं.

पंजाब में सेना ने लगभग 10,000 लोगों की जान बचाई है, 4,700 लोगो को चिकित्सीय मदद पहुंचाई. 12,500 किलोग्राम आवश्यक सामग्री वितरित की. सेना के हेलीकॉप्टरों ने 250 घन्टे से अधिक उड़ान भरते हुए गांव वालों को बाहर निकाला. इसके अलावा बीएसएफ के करीब 500 जवान को लससियन , कसोवाल और दरिया मंसूर की अग्रिम चौकिया से सुरक्षित निकाला. पंजाब में बाढ़ की तबाही के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को राज्य का दौरा करेंगे. जहां वो कई इलाकों का हवाई सर्वे करेंगे और पीड़ितों से मुलाकात भी करेंगे.
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