महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार के बाद विभागों का बंटवारा अगले दो दिनों में होगा. यह भाजपा, शिवसेना और एनसीपी सहित महायुति के सहयोगियों के बीच गहन बातचीत के बाद किया जाएगा.
राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर रविवार को नागपुर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "अगले दो दिनों में मंत्रिमंडल के विभागों का फैसला किया जाएगा."
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर तीनों दलों के बीच पहले से ही सहमति बन गई है और इसे बिना किसी परेशानी के सुलझा लिया जाएगा. उनके साथ दोनें उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार भी थे.
फडणवीस ने कहा, "हमने एक सर्व-समावेशी मंत्रिपरिषद देने पर काम किया है. हमने सभी समुदायों, महिलाओं और क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व दिया है. जहां तक भाजपा का सवाल है, हमने हटाए गए लोगों को नई जिम्मेदारी देने का फैसला किया है." विभागों के वितरण के अलावा जिला संरक्षक मंत्रियों के आवंटन का मुद्दा भी लंबित है. फडणवीस ने कहा कि यह कोई जरूरी मामला नहीं है और इसे समय आने पर निपटा लिया जाएगा.
राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने गृह, शहरी विकास विभाग, राजस्व और आवास जैसे प्रमुख विभागों पर चर्चा की थी. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना पहले गृह विभाग चाहती थी, जबकि एनसीपी आवास के साथ-साथ उद्योग भी चाहती है.
फडणवीस ने आश्वासन दिया कि सरकार संख्या बल के आधार पर विपक्ष को नहीं दबाएगी. उन्होंने कहा, "हम विपक्ष की आवाज को नहीं दबाएंगे और किसी भी चर्चा से पीछे नहीं हटेंगे. हम उम्मीद करते हैं कि लोकसभा के विपरीत विपक्ष को सदन के अंदर बोलना चाहिए, न कि केवल मीडिया के सामने."
विपक्ष ने रविवार को राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर आयोजित चाय पार्टी का बहिष्कार किया. सरकार को भेजे गए पत्र में, इसने ईवीएम के उपयोग के बारे में कदाचार के आरोपों, बाबासाहेब अंबेडकर की मूर्ति के अपमान को लेकर परभणी में हिंसा और उसके बाद पुलिस द्वारा की गई तलाशी अभियान तथा बीड जिले में एक सरपंच की हत्या के मुद्दे उठाए हैं.
फडणवीस ने कहा, "विपक्ष ईवीएम के बारे में एक कहानी बनाने की कोशिश कर रहा है. लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि ईवीएम का मतलब है मैग्नेटिक महाराष्ट्र के लिए हर वोट और यही हमारी सरकार है. हम इसे पूरा करने का प्रयास करेंगे."
उन्होंने परभणी और बीड की घटनाओं पर विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया. फडणवीस ने कहा, "बीड की घटना के संबंध में एसआईटी का गठन किया गया है. कोई भी आरोपी बख्शा नहीं जाएगा. चाहे आरोपी कोई भी हो. एसआईटी जांच करेगी और हर पहलू को सुलझाया जाएगा."
उन्होंने उल्लेख किया कि मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्ति ने मूर्ति का अपमान किया. उन्होंने कहा, "यह सरकार संविधान को सर्वोच्च मानती है. हम संविधान के विरुद्ध एक भी कार्य नहीं करेंगे और हम संविधान का सर्वोच्च सम्मान भी रखेंगे."
उन्होंने कहा कि घटना के बाद हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों की संविधान में अनुमति नहीं है और पथराव या तोड़फोड़ में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं