दिल्ली के शिक्षकों को फ़िनलैंड भेजने के मामले पर दिल्ली के उपमुख्यनंत्री मनीष सिसोदिया ने एक बार फिर से उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना को चिट्ठी लिखी है. मनीष सिसोदिया के अनुसार उपराज्यपाल एक महीने से शिक्षकों की ट्रेनिंग की फाइल को दबाकर बैठे हैं. सिसोदिया ने सरकारी नियमों का हवाला देते हुए कहा कि क़ानून के अनुसार उपराज्यपाल किसी फाइल को 15 दिन से ज़्यादा नहीं रोक कर रख सकते. लेकिन दिल्ली के उपराज्यपाल शिक्षकों की ट्रेनिंग की फाइल 20 जनवरी से रोककर बैठे हैं. बता दें सिसोदिया के पास शिक्षा विभाग भी है.
इससे पहले उन्होंने दावा किया था कि आप के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रशिक्षण के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था और इसे उपराज्यपाल के पास भेजा गया था, लेकिन उपराज्यपाल की ओर से अनुमति नहीं दी गई है. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप भी लगाया था कि उपराज्यपाल असंवैधानिक रूप से संशोधित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) कानून की शक्तियों का दुरुपयोग कर दिल्ली सरकार को शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए विदेश भेजने की इजाज़त नहीं दे रहे हैं.
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उपमुख्यमंत्री ने कहा था कि दिल्ली के शिक्षकों को फिनलैंड भेजने की फाइल पिछले साल अक्टूबर से इधर से उधर घूम रही है. देश के संविधान के अनुसार देश के सभी राज्यों की सरकारों को शिक्षा पर काम करने का पूरा अधिकार है. दिल्ली सरकार को पंजाब या किसी अन्य राज्य की सरकार की तरह अपने शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए विदेश में भेजने की आजादी होनी चाहिए. लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली में एलजी शिक्षकों को वैश्विक अनुभव हासिल करने से रोकने के लिए कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं.
प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को फिनलैंड भेजने के प्रस्ताव समेत कई अन्य विषयों को लेकर भी दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार और उपराज्यपाल के बीच गतिरोध बना हुआ है.
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