- दिल्ली और एनसीआर में तेज बारिश के कारण तापमान में कमी आई है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है.
- अगस्त महीने में दिल्ली में 15 वर्षों में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई है, जो पिछले साल से अधिक है.
- मौसम विभाग ने दिल्ली और आसपास अगले 5 दिनों तक सक्रिय मॉनसून और भारी बारिश की चेतावनी जारी की है.
ऐसा लगता है कि मॉनसून इस बार दिल्ली से जल्दी विदाई लेने के मूड में नहीं है. सोमवार को दिल्ली-एनसीआर के लिए जारी हुआ मौसम विभाग (आईएमडी) का अलर्ट सच हो गया और दोपहर में तेज बारिश देखी गई. मौसम विभाग की मानें तो दिल्ली में 15 साल के बाद ऐसी बारिश देखी गई है. फिलहाल राजधानी में बारिश के चलते तापमान में कमी बनी हुई है लेकिन आम जनजीवन पर बड़ा असर पड़ रहा है. दिल्ली के अलावा पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा भी तेज बारिश से त्रस्त हैं.
दिल्ली और आसपास येलो अलर्ट
राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में सोमवार दोपहर बारिश हुई और शहर में गरज के साथ छींटे और मध्यम से भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है. दिल्ली में न्यूनतम तापमान 23.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मौसम के औसत से 2.8 डिग्री कम है. आईएमडी के अनुसार, अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है, जबकि सुबह 8.30 बजे आर्द्रता 90 प्रतिशत रही. मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में सक्रिय मॉनसून की भविष्यवाणी की है.
मौसम विभाग के अनुसार राजधानी और आसपास के इलाकों में बादल छाए रहेंगे और हल्की से मध्यम बारिश के दौर जारी रहने वाला है. वहीं शहर में कुछ जगहों पर, खासकर शाम, रात और सुबह के समय भारी बारिश भी हो सकती है. रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में मौसम लगभग शुष्क रहा और सफदरजंग, पालम, रिज, आयानगर या ज्यादातर बाकी ऑब्जर्वेटरी में कोई बारिश दर्ज नहीं की गई.

15 साल बाद हुई इतनी बारिश
आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, राजधानी में अगस्त में 399.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 15 वर्षों में इस महीने की सबसे अधिक बारिश है. पिछली बार दिल्ली में इससे अधिक बारिश 2010 में 455.8 मिमी दर्ज की गई थी. इस बार अगस्त की बारिश पिछले साल यानी 2024 के 390.3 मिमी की तुलना से भी ज्यादा रही. साल 2024 में बारिश सिर्फ 17 दिनों में हुई और लंबी अवधि के औसत से 67 प्रतिशत ज्यादा थी. इस साल, अगस्त में 14 दिन बारिश हुई, और कुल मिलाकर मौसमी औसत से ज़्यादा बारिश हुई.
इससे अलग अगस्त 2023 में सिर्फ 91.8 मिमी बारिश हुई, जबकि 2022 में 41.6 मिमी और 2021 में 237 मिमी बारिश दर्ज की गई थी. दिल्ली में जून में सामान्य से तीन गुना (243.3 मिमी) और जुलाई में लगभग सामान्य (203.7 मिमी) बारिश हुई. जून से अब तक 750 मिमी से ज्यादा बारिश दर्ज होने के साथ, शहर पहले ही अपने मौसमी मॉनसून औसत को पार कर चुका है और 774.4 मिमी के वार्षिक वर्षा के आंकड़े की ओर बढ़ रहा है.
सितंबर में और सताएगी बरसात
आईएमडी ने कहा है कि इस मॉनसून में सितंबर और ज्यादा रिकॉर्ड बारिश वाला रहने वाला है. आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, 1 जून से 31 अगस्त के बीच भारत में 743.1 मिमी बारिश हुई, जो 700.7 मिमी की दीर्घकालिक औसत से लगभग 6 प्रतिशत अधिक है. जून में 180 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से लगभग 9 प्रतिशत अधिक थी, और उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में काफी अधिक बारिश हुई। जुलाई में 294.1 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से लगभग 5 प्रतिशत अधिक थी, जिसमें मध्य भारत में 22 प्रतिशत अधिक बारिश हुई.
अगस्त में 268.1 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 5.2 प्रतिशत अधिक है. आईएमडी की मानें तो सितंबर में मासिक औसत वर्षा दीर्घावधि औसत 167.9 मिमी के 109 प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद है. आईएमडी ने कहा कि सितंबर में भारी बारिश से उत्तराखंड में भूस्खलन और अचानक बाढ़ आ सकती है. इससे दक्षिण हरियाणा, दिल्ली और उत्तरी राजस्थान में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है.
दूसरे हिस्सों में भी यही हाल
न केवल दिल्ली बल्कि देश के दूसरे हिस्सों में भी बारिश फिलहाल ब्रेक लेने के मूड में नहीं है. मौसम विभाग ने अगले 3 दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में भारी से बहुत भारी वर्षा जारी रहने की संभावना जताई है. मौसम विभाग की मानें तो 1 सितंबर, 2025 को हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर बहुत भारी बारिश होने की आशंका है. इसके अलावा तीन से 6 सितंबर के दौरान कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, गुजरात क्षेत्र और तटीय कर्नाटक में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना जताई गई है. साथ ही 4 और 5 सितंबर, 2025 को गुजरात में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा की संभावना है.
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