Delhi Riots: दिल्ली दंगों के आरोपी और राजधानी स्कूल के मालिक फैज़ल फारूक, उसकी पत्नी सदफ, डॉक्टर गजिंद्र नय्यर, मुकेश सांगवान और एडवोकेट मोहित भारद्वाज के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने जालसाज़ी का केस दर्ज किया है. यह केस 7 जुलाई को दर्ज हुआ है. आरोप है कि आरोपी फैज़ल (Faizal Farooq) ने फर्जी मेडिकल दस्तावेज़ों (Fake Medical Certificate) के आधार पर जमानत (Bail) लेने की कोशिश की. इसके लिए उसने पत्नी के फर्जी ऑपरेशन का नकली मेडिकल प्रमाण पत्र बनवाया. पत्नी सदफ के सर्जरी के फर्जी दस्तावेज तैयार कराए. इन दस्तावजों में बताया गया कि पत्नी का इलाज और सर्जरी ग्रेटर नोएडा के एक अस्पताल में हुई है. 29 मई को फैज़ल ने इसी आधार पर अंतरिम ज़मानत मांगी थी.
चार्जशीट में खुलासा, 'ताहिर हुसैन ने आरोपियों से कहा था बड़े दंगे के लिए तैयार रहना'
फजीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब कोर्ट ने पुलिस से मेडिकल दस्तावेजों की जांच करने के लिए कहा. जांच में सभी दस्तावेज फ़र्ज़ी निकले. पता पड़ा कि सदफ ने वहां कभी इलाज़ नहीं कराया.इसके बाद दस्तावेज बनाने वाले डॉक्टर गजिंद्र नय्यर से पूछताछ हुई उसने बताया कि वह इस तरह से कई और लोगों के फ़र्ज़ी मेडिकल दस्तावेज तैयार कर चुका है. इस डॉक्टर का लाइसेंस दिल्ली मेडिकल काउंसिल नवंबर 2019 में 1 साल के लिए निलंबित कर चुकी थी लेकिन इसके बावजूद वह फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बना रहा था.
गजिंद्र ने बताया कि उसे सदफ से मुकेश सांगवान ने मिलवाया था. वो भी इसी रैकेट का हिस्सा है. क्राइम ब्रांच के मुताबिक एडवोकेट मोहित भारद्वाज और इस गैंग के लोग पहले भी ज़मानत के लिए कई लोगों के फ़र्ज़ी मेडिकल लगा चुके हैं. ये लोग एक गिरोह की तरह काम कर रहे हैं. फैजल इससे पहले भी कोर्ट में 2 बार ज़मानत के लिए अर्जी लगा चुका है, लेकिन कोर्ट ने जमानत की याचिका खारिज़ कर दी थी. गौरतलब है कि दिल्ली दंगे के मामले में दिल्ली पुलिस ने फैज़ल फारूक समेत 18 आरोपियों के खिलाफ 3 जून को चार्जशीट पेश की थी.
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