मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को अपने मंत्रिमंडल के छह सहयोगियों में विभागों का बंटवारा कर दिया और गृह, वित्त, बिजली और गुप्तचर जैसे प्रमुख विभाग अपने पास रखे।
मुख्यमंत्री योजना, सेवा और वह अन्य तमाम विभाग अपने पास रखेंगे, जो किसी मंत्री को आवंटित नहीं किए गए हैं।
केजरीवाल के सबसे नजदीक समझे जाने वाले मनीष सिसोदिया को राजस्व, लोक निर्माण विभाग, शहरी विकास, शिक्षा, उच्च शिक्षा, स्थानीय निकाय और भूमि एवं भवन विभाग दिया गया है।
मुख्यमंत्री बनने के बाद पहले संवाददाता सम्मेलन में केजरीवाल ने कहा कि आईआईटी दिल्ली से स्नातकोत्तर सोमनाथ भारती प्रशासनिक सुधार, कानून, पर्यटन और संस्कृति का प्रभार संभालेंगे।
प्रशासनिक सुधार केजरीवाल की विषय सूची में शीर्ष पर है। वह मौहल्ला सभा की स्थापना और शक्तियों के विकेन्द्रीकरण के हामी हैं। विभाग वीआईपी संस्कृति को समाप्त करने और लोगों को समयबद्ध और कारगर सेवाएं देने के लिए भी कदम उठाएगा।
केजरीवाल मंत्रिमंडल की सबसे कम उम्र मंत्री राखी बिड़ला को समाज कल्याण और महिला एवं बाल विकास विभाग सौंपे गए हैं। उन्हें महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए जरूरी उपाय तैयार करने का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है। गिरीश सोनी को श्रम, कौशल निर्माण और अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति विभाग दिए गए हैं।
सत्येन्द्र जैन को स्वास्थ्य, उद्योग और गुरुद्वारा चुनाव का प्रभारी बनाया गया है। केजरीवाल ने कहा कि दोपहर बाद केबिनेट की बैठक में शहर में वीआईपी संस्कृति समाप्त करने और विधानसभा की बैठक बुलाने की तारीखों पर फैसला किया जाएगा।
केजरीवाल ने कहा कि वह बिजली और परिवहन विभागों, इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड, दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों से अलग अलग बैठकें आयोजित करेंगे। उन्होंने बताया कि वह दिल्ली के पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी से भी मिलेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर जरूरत होगी तो शाम में केबिनेट की दूसरी बैठक भी बुलाई जा सकती है।
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