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दिल्ली-NCR में GRAP-1 लागू, बढ़ते प्रदूषण को लेकर CAQM का बड़ा फैसला

दिल्ली-एनसीआर में तत्काल प्रभाव से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का चरण-I लागू कर दिया गया है.

दिल्ली-NCR में GRAP-1 लागू, बढ़ते प्रदूषण को लेकर CAQM का बड़ा फैसला
  • दिल्ली और NCR में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने तत्काल GRAP 1 लागू किया है.
  • दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक आज खराब श्रेणी के 211 अंक दर्ज किया गया, जो स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक है.
  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार एक्यूआई के विभिन्न स्तरों में खराब श्रेणी 201 से 300 के बीच आती है.
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दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने तत्काल प्रभाव से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का चरण-I लागू कर दिया है. इस बार GRAP-I के तहत 10-15 साल पुरानी डीजल और पेट्रोल गाड़ियों को न चलाने की केवल सलाह दी गई है. उन पर पाबंदी नहीं लगाई गई है. हालांकि, सड़कों पर चलने वाली सभी गाड़ियों के लिए वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) अनिवार्य कर दिया गया है.

इसके अतिरिक्त, GRAP-I के तहत धूल नियंत्रण के उपाय जैसे एंटी-स्मॉग गन का प्रयोग किया जाएगा और सभी निर्माण एवं ध्वस्तीकरण स्थलों पर धूल नियंत्रण के उपायों का कड़ाई से पालन करना होगा, जिसमें 500 वर्ग मीटर से बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए स्वीकृत डस्ट मैनेजमेंट प्लान का पालन भी शामिल है. अन्य महत्वपूर्ण प्रतिबंधों में कचरा, पत्तों और अन्य अपशिष्ट सामग्री का खुले में जलाना पूरी तरह से वर्जित रहेगा.

साथ ही, सड़क किनारे फूड स्टॉल, होटल, रेस्टोरेंट और कमर्शियल रसोईघरों में कोयला या लकड़ी जैसे प्रदूषित ईंधन का प्रयोग प्रतिबंधित रहेगा, इन्हें केवल बिजली, गैस या अन्य स्वच्छ ईंधन का उपयोग करना होगा. डीजल जनरेटरों के उपयोग को सीमित करते हुए केवल आवश्यक या आपातकालीन स्थितियों में ही अनुमति दी गई है.

प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर जुर्माना लगाया जा सकता है या उन्हें जब्त किया जा सकता है. यातायात नियंत्रण के लिए प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस तैनात की गई है और चालकों को लाल बत्ती पर इंजन बंद करने के निर्देश दिए गए हैं.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है.

GRAP-1 में होती हैं इस तरह की पाबंदियां
GRAP-1 यानी Graded Response Action Plan के तहत सड़क किनारे भोजनालयों और रेस्‍तराओं में कोयले के इस्‍तेमाल पर रोक होती है. साथ ही इस दौरान खुले में कचरा जलाने पर भी प्रतिबंध लगाया जाता है. साथ ही उत्‍सर्जन को नियंत्रित करने के लिए भी सख्‍त नियम होते हैं.

जैसे-जैसे दिल्ली में ठंड का मौसम करीब आ रहा है, वैसे-वैसे राजधानी की वायु गुणवत्ता काफी खराब होती जा रही है, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी है और स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी चिंता में हैं. 

दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में एक्यूआई 200 से 300 के बीच था, जिसका मतलब है कि वायु गुणवत्ता का अधिक खराब होना, जिसकी वजह से शहर के कई हिस्सों में धुंध छाई हुई है और इससे विजिबिलिटी कम हो गई है. इंडिया गेट जैसे प्रतिष्ठित स्थल भी इस प्रदूषण की चपेट में आ चुके हैं, जहां धुंध के कारण साफ देखना मुश्किल हो रहा है.

दिल्ली में 14 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में बनी रहेगी. आने वाले दिनों में मौसम की स्थिति और प्रदूषण के स्रोतों के आधार पर इसके 'बहुत खराब' श्रेणी में भी जाने की संभावना है.

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