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This Article is From Aug 21, 2020

AAP को शेल कंपनियों के जरिये 2 करोड़ रुपये का चंदा देने का मामला, CA समेत 2 गिरफ्तार 

पुलिस को रजिस्टार ऑफ कंपनीज़ (ROC) की तरफ से शिकायत मिली थी कि 4 कंपनियों के जरिये 5 अप्रैल 2014 को आम आदमी पार्टी को 50 -50 लाख रुपये यानि कुल 2 करोड़ रुपये दान किए गए. 

AAP को शेल कंपनियों के जरिये 2 करोड़ रुपये का चंदा देने का मामला, CA समेत 2 गिरफ्तार 
आम आदमी पार्टी को शेल कंपनियों के जरिये 2 करोड़ चंदा देने के मामले में 2 गिरफ्तार (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने 4 शेल कंपनी बनाकर आम आदमी पार्टी (AAP) को 2 करोड़ रुपये चंदा देने के आरोप में 2 लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए लोगों में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं जबकि दूसरा एंट्री ऑपरेटर है. पकड़े गए लोगों में गंगा विहार दिल्ली का रहने वाला मुकेश कुमार और लक्ष्मी नगर का रहने वाला चार्टर्ड अकाउंटेंट सुधांशु बंसल है. पुलिस के मुताबिक, दोनों फ़र्ज़ी दस्तावेजों के जरिये DIN हासिल कर फ़र्ज़ी सेल कंपनी बनाते और फिर इन सेल कंपनियों के जरिये मनी लांड्रिंग, एंट्री ऑपरेशन और दूसरी अवैध गतिविधियां करते थे. 

पुलिस को रजिस्टार ऑफ कंपनीज़ (ROC) की तरफ से शिकायत मिली थी. जिसमें 4 कंपनियों गोल्डमाइन बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड, स्काइलाइन मेटल एंड अलॉयज प्राइवेट लिमिटेड, सन विज़न एजेंसीज प्राइवेट लिमिटेड और इंफोलेंस सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन लिमिटेड के नाम लेकर बताया गया था कि इन कंपनियों के जरिये 5 अप्रैल 2014 को आम आदमी पार्टी को 50 -50 लाख रुपये यानि कुल 2 करोड़ रुपये दान किए गए. 

आरओसी के रिकॉर्ड के मुताबिक, ये चारों कंपनियां फ़र्ज़ी थीं. इन कंपनियों में बड़े पैमाने पर पैसा आया, लेकिन पैसे का सोर्स नहीं दिखाया गया. चारों कंपनियों के निदेशकों को नोटिस जारी किया गया लेकिन स्काइलाइन मेटल एंड अलॉयज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक दीपक अग्रवाल के अलावा कोई पेश नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि जिन दस्तावेजों के आधार पर DIN हासिल किया गया वो दस्तावेज उनके नहीं है. 

आरओसी की इसी जांच के बाद दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज कर आगे की जांच की तो पता चला कि फोरेंसिक रिपोर्ट में कंपनी से जुड़े सभी दस्तावेज फ़र्ज़ी हैं. चारों कंपनियों के निदेशक योगेश, मोहित, धर्मेंद्र और दीपक मुकेश कुमार के कर्मचारी निकले. आम आदमी पार्टी को जो डोनेशन गया जब उसका सोर्स पता किया तो वो अंतरा पुरुकुल सीनियर लिविंग लिमिटेड नाम की कंपनी के अकॉउंट से गया मिला. ये कंपनी मैक्स ग्रुप की सब्सिडरी कंपनी है. पुलिस ने ये जानकारी ईडी और आयकर विभाग को भी दे दी है. दोनों आरोपियों को 20 अगस्त को गिरफ्तार किया गया. 

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