आरिज खान की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
दिल्ली पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. दिल्ली पुलिस ने बटला हाउस मुठभेड़ में शामिल इंडियन मुजाहिदीन के एक संदिग्ध आतंकवादी को गिरफ्तार कर लिया है. यह आतंकी 2008 की बटला हाउस मुठभेड़ के बाद से ही फरार था.
वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अरिज खान को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने गिरफ्तार किया. 19 सितंबर 2008 को दिल्ली के जामिया नगर स्थित बटला हाउस में हुई मुठभेड़ में चार अन्य लोगों के साथ खान भी मौजूद था. मुठभेड़ के दौरान वह वहां से भाग निकला था. हालांकि इस घटना में इंडियन मुजाहिदीन के दो आतंकवादी मारे गए थे और कई को गिरफ्तार किया गया था.
यह भी पढ़ें - बटला हाउस मुठभेड़ : इंस्पेक्टर एमसी शर्मा की हत्या में शहजाद दोषी करार
अभियान के दौरान पुलिस कार्रवाई का नेतृत्व कर रहे एन्काउंटर स्पेशलिस्ट और निरीक्षक मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे. बटला हाउस मामले में निचली अदालत ने वर्ष 2013 में इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के आतंकवादी शहजाद अहमद को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. निचली अदालत के फैसले के खिलाफ उसकी याचिका उच्च अदालत में लंबित है.
क्या है मामला:
बाटला हाउस एनकाउंटर जिसे आधिकारिक तौर पर ऑपरेशन बाटला हाउस के रूप में जाना जाता है, सितंबर 19, 2008 को दिल्ली के जामिया नगर इलाके में इंडियन मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकवादियों के खिलाफ की गई मुठभेड़ थी. इसमें दो संदिग्ध आतंकवादी आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद मारे गए थे, और दो अन्य संदिग्ध सैफ मोहम्मद और आरिज़ खान भागने में कामयाब हो गए, जबकि एक और आरोपी ज़ीशान को गिरफ्तार कर लिया गया.
इस मुठभेड़ का नेतृत्व कर रहे एनकाउंटर विशेषज्ञ और दिल्ली पुलिस निरीक्षक मोहन चंद शर्मा इस घटना में मारे गए. मुठभेड़ के दौरान स्थानीय लोगों की गिरफ्तारी हुई, जिसके खिलाफ अनेक राजनीतिक दलों, कार्यकर्ताओं और विशेष रूप से जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों ने व्यापक रूप से विरोध प्रदर्शन किया था.
VIDEO: बटला हाउस एनकाउंटर पर कांग्रेस में खिंची तलवारें (इनपुट एजेंसी से)
वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अरिज खान को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने गिरफ्तार किया. 19 सितंबर 2008 को दिल्ली के जामिया नगर स्थित बटला हाउस में हुई मुठभेड़ में चार अन्य लोगों के साथ खान भी मौजूद था. मुठभेड़ के दौरान वह वहां से भाग निकला था. हालांकि इस घटना में इंडियन मुजाहिदीन के दो आतंकवादी मारे गए थे और कई को गिरफ्तार किया गया था.
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अभियान के दौरान पुलिस कार्रवाई का नेतृत्व कर रहे एन्काउंटर स्पेशलिस्ट और निरीक्षक मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे. बटला हाउस मामले में निचली अदालत ने वर्ष 2013 में इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के आतंकवादी शहजाद अहमद को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. निचली अदालत के फैसले के खिलाफ उसकी याचिका उच्च अदालत में लंबित है.
क्या है मामला:
बाटला हाउस एनकाउंटर जिसे आधिकारिक तौर पर ऑपरेशन बाटला हाउस के रूप में जाना जाता है, सितंबर 19, 2008 को दिल्ली के जामिया नगर इलाके में इंडियन मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकवादियों के खिलाफ की गई मुठभेड़ थी. इसमें दो संदिग्ध आतंकवादी आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद मारे गए थे, और दो अन्य संदिग्ध सैफ मोहम्मद और आरिज़ खान भागने में कामयाब हो गए, जबकि एक और आरोपी ज़ीशान को गिरफ्तार कर लिया गया.
इस मुठभेड़ का नेतृत्व कर रहे एनकाउंटर विशेषज्ञ और दिल्ली पुलिस निरीक्षक मोहन चंद शर्मा इस घटना में मारे गए. मुठभेड़ के दौरान स्थानीय लोगों की गिरफ्तारी हुई, जिसके खिलाफ अनेक राजनीतिक दलों, कार्यकर्ताओं और विशेष रूप से जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों ने व्यापक रूप से विरोध प्रदर्शन किया था.
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