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This Article is From Nov 03, 2023

दिल्ली समेत आसपास के 10 से ज्यादा शहरों में जहरीली हुई हवा, सेहत पर पड़ सकता है बुरा असर

दिल्ली-NCR में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए कुछ पाबंदियां बढ़ा दी गई हैं. इसके तहत कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन के कार्य पर रोक लगा दी गई है. साथ ही ईंट भट्टों को भी बंद करवा दिया गया है. डीज़ल पर चलने वाली गाड़ियों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है.

दिल्ली और इसके आसपास के शहरों में खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण का स्तर

नई दिल्ली:

दिल्ली समेत आसपास के कई शहरों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंच चुकी है. प्रदूषण के इस स्तर की वजह से इन शहरों में रहने वाले आम लोगों की सेहत पर सबसे ज्यादा असर दिखने लगा है. दिल्ली में शुक्रवार को औसत हवा की गुणवत्ता यानी AQI 464 आंका गया है. दिल्ली के नरेला में हवा की गुणवत्ता यानी AQI 488, मुंडका में 498, बवाना में 496 और पंजाबी बाग में 484, आनंद विहार में 483, वजीरपुर में 482 और न्यू मोतीबाग में 474 तक दर्ज किया गया है. यही हाल कुछ NCR में आने वाले शहर का है. ग्रेटर नोएडा में AQI का स्तर 473, फरीदाबाद में AQI का स्तर 442 और नोएडा में AQI का स्तर 428 दर्ज किया गया है. 

सबसे ज़्यादा प्रदूषित शहर
राज्यशहरऔसत AQIदर्जा
उत्तर प्रदेशग्रेटर नोएडा473गंभीर
दिल्लीदिल्ली464गंभीर
हरियाणाजींद456गंभीर
हरियाणाहिसार451गंभीर
हरियाणाफ़रीदाबाद442गंभीर
हरियाणासोनीपत442गंभीर
हरियाणारोहतक433गंभीर
उत्तर प्रदेशनोएडा428गंभीर
उत्तर प्रदेशबागपत414गंभीर
हरियाणाफ़तेहाबाद413गंभीर

GRAP 3 किया गया लागू

प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए कुछ पाबंदियां बढ़ा दी गई हैं. इसके तहत कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन के कार्य पर रोक लगा दी गई है. साथ ही ईंट भट्टों को भी बंद करवा दिया गया है. डीज़ल पर चलने वाली गाड़ियों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. दिल्ली में बढ़े प्रदूषण को देखते हुए राज्य सरकार ने अगरे दो दिनों तक प्राइमरी स्कूल को बंद करने का भी फैसला किया है. 

चार चरण में लागू होता है GRAP 

दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता के आधार पर GRAP को चार चरणों में लागू किया जाता है. पहला चरण तब लागू किया जाता है जब प्रदूषण का स्तर 201 से 300 के बीच हो. दूसरा चरण तब लागू किया जाता है 301-400 होता है, इसे बहुत खराब श्रेणी में रखा जाता है.  तीसरे स्तर में 401-450 के बीच होता है. इसे गंभीर श्रेणी कहा जाता है. चौथे स्टेज को तब लागू किया जाता है जब प्रदूषण का स्तर 450 से अधिक हो.

दिल्ली-एनसीआर में बढ़े प्रदूषण का आम इंसान की सेहत पर भी बुरा असर पड़ सकता है. जानकारों के अनुसार प्रदूषण के बढ़े स्तर का सबसे बुरा असर दिमाग पर पड़ता है. और इसकी वजह से ही ब्रेन स्ट्रोक, याददाश्त का जाना, भूलने की समस्या और पहचानने में मुश्किल होने जैसी दिक्कत हो सकती है. 

फेफड़े पर भी दिख सकता है इसका असर

प्रदूषण का असर आपके फेफड़ों पर भी पड़ सकता है. इसकी वजह से आपको अस्थमा, कैंसर, ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं. 

दिल का दौरा भी पड़ सकता है

प्रदूषण के एक स्तर से ज्यादा होने का असर आपके दिल पर भी पड़ सकता है. डॉक्टरों के अनुसार अगर प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक स्तर पर बना रहा तो इससे आपको दिल का दौरा, दिल में सूजन, और हार्ट फेल जैसी समस्याएं भी आ सकती है.

पेट संबंधी समस्या भी सामने आए सकती हैं

प्रदूषण के कारण आपको पाचन संबंधी समस्याओं से भी दो चार होना पड़ सकता है. साथ ही इसकी वजह से आपका लीवर भी फैटी हो सकता है.  प्रदूषण का स्तर आपकी त्वचा पर भी पड़ता है. इसकी वजह से आपको झुर्रियां, फोड़े-फुंसी, एलर्जी एग्जिमा जैसी बीमारी हो सकती है. 

ये हैं दुनिया के सबसे साफ शहर 

दिल्ली और एनसीआर में भले ही प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्तर पर हो लेकिन दुनिया में कई शहर ऐसे भी हैं जहां प्रदूषण बेहद कम होता है. इन शहरों में सबसे पहले नंबर पर आता है फ्रांस का लियोन शहर. यहां AQI का स्तर 6 है. इसके बाद नंबर आता है नार्वे के ऑस्लो का जहां AQI का स्तर 7 है, अमेरिका के डेनवर में AQI 12, ऑस्ट्रेलिया के सिडनी और मेलबर्न में AQI का स्तर 12 दर्ज किया गया है.

वहीं, फिनलैंड के शहर हेलसिंकी में AQI का स्तर 13, जबकि अमेरिका के न्यूयॉर्क सिटी में AQI का स्तर 15, रूस के मॉस्को में AQI का स्तर 16, कनाडा के टोरंटो में AQI का स्तर 17, यूक्रेन के कीव में AQI का स्तर 18, फ्रांस के नीस में AQI का स्तर 19, जर्मनी के म्यूनिख, कनाडा के मॉन्ट्रियल और इटली के रोम में AQI का स्तर 19 दर्ज किया गया है. 

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