"असंवेदनशीलता" : मंत्रियों के बैठक में ना पहुंचने पर दिल्ली के LG ने AAP पर साधा निशाना

उपराज्यपाल  ने केंद्रीय गृह सचिव को लिखे पत्र में कहा कि इस तरह की एक बैठक की जरूरत थी, ताकि केजरीवाल की हिरासत के बाद ‘‘शासन के रोजमर्रा के काम प्रभावित नहीं हों’’ लेकिन मंत्रियों ने उनके आमंत्रण को मंत्रियों ने अस्वीकार कर दिया.

नई दिल्ली:

दिल्ली के उपराज्यपाल (Lieutenant Governor of Delhi) वी. के. सक्सेना ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उनके मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठकों में शामिल होने से इनकार कर दिल्ली सरकार के मंत्रियों ने ‘‘असंवेदनशीलता और गंभीरता के अभाव'' को प्रदर्शित किया. केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अब रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था.

LG ने पत्र में क्या बताया? 
उपराज्यपाल  ने केंद्रीय गृह सचिव को लिखे पत्र में कहा कि इस तरह की एक बैठक की जरूरत थी, ताकि केजरीवाल की हिरासत के बाद ‘‘शासन के रोजमर्रा के काम प्रभावित नहीं हों'' लेकिन मंत्रियों ने उनके आमंत्रण को इस आधार पर अस्वीकार कर दिया कि आदर्श आचार संहिता लागू है. उपराज्यपाल सचिवालय से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि दिल्ली के माननीय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उपराज्यपाल ने जल, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, पर्यावरण और वन आदि विभागों से संबंधित दिल्ली सरकार के प्रमुख मंत्रियों की एक बैठक बुलाने का निर्णय लिया था.

ईमेल के माध्यम से मंत्रियों ने बैठक में शामिल होने से किया इनकार
पत्र में कहा गया है कि गोपाल राय, कैलाश गहलोत, आतिशी और सौरभ भारद्वाज को दो अप्रैल को एक बैठक के लिए एक पत्र भेजा गया था. इसमें कहा गया है, ‘‘हालांकि, सभी मंत्रियों ने उक्त बैठक में भाग लेने से इस आधार पर ईमेल के माध्यम से इनकार कर दिया कि चूंकि आदर्श आचार संहिता लागू है, इसलिए इस समय ऐसी बैठक उपयुक्त नहीं होगी.'' पत्र में कहा गया है, ‘‘माननीय उपराज्यपाल का मानना है कि इस तरह के एक परामर्श की जरूरत थी ताकि मुख्यमंत्री के हिरासत में रहने के दौरान शासन के रोजमर्रा के काम प्रभावित न हो.''

मुद्दों को सुलझाने के बजाय उलझाया जा रहा है: LG
एलजी के कार्यालय की तरफ से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि मुद्दों को सुलझाने के बजाय (मंत्रियों ने) सार्वजनिक रूप से कीचड़ उछाला और बेकार बहाने का हवाला देते हुए उपराज्यपाल से मिलने से इनकार किया है.  एलजी के कार्यालय ने पत्र में सौरभ भारद्वाज की प्रतिक्रिया की आलोचना करते हुए लिखा कि आप नेता ने कहा था कि मुझे नहीं लगता कि यह बैठक मुख्यमंत्री के निर्देश के बिना बुलाई जा सकती है.

पत्र में यह भी कहा गया है कि ‘‘बैठक में शामिल नहीं होने के लिए जो तर्क दिया गया है वह अस्पष्ट जान पड़ता है और दिल्ली के नागरिकों के दैनिक जीवन को प्रभावित करने वाले विषयों के प्रति गंभीरता की कमी और असंवेदनशीलता को प्रदर्शित करता है.''

सौरभ भारद्वाज ने किया पलटवार 
दिल्ली के मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के एलजी (विनय कुमार सक्सेना) को संविधान को समझने की जरूरत है. जल, स्वास्थ्य, पर्यावरण और जंगल सभी निर्वाचित सरकार के स्थानांतरित विषय हैं. जब हम उन्हें बताते हैं हमारी समस्याएं, वह कहते हैं कि वे स्थानांतरित विषय हैं लेकिन अब वह मंत्रियों की बैठक बुला रहे हैं. अगर एलजी सरकार चलाने में रुचि रखते हैं तो वह चुनाव लड़ सकते हैं और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को हरा सकते हैं. 

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