
दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता राघव चड्ढा की उस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा जिसमें कहा गया था कि उन्हें डीडीसीए विवाद में केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली के खिलाफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ट्वीट को केवल रीट्वीट करने पर आपराधिक मामले का आरोपी नहीं बनाया जा सकता.
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न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल ने जेटली और चड्ढा की तरफ से तीन घंटे तक इस बारे में दलीलें सुनने के बाद मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रखा कि किसी ट्वीट को रीट्वीट करना मानहानि के अपराध के दायरे में आएगा या नहीं. अदालत ने इस बारे में दलीलें सुनीं कि रीट्वीट करना किसी टिप्पणी के पुन:प्रकाशन के बराबर है या नहीं और ऐसे मामले सूचना एवं प्रौद्योगिकी कानून के दायरे में आएंगे या नहीं.
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अदालत ने मंगलवार को भी इन मुद्दों पर करीब चार घंटे दलीलें सुनी थीं. चड्ढा ने अपनी याचिका में निचली अदालत के उस आदेश को निरस्त करने की मांग की है जिसमें जेटली द्वारा उनके तथा आप के पांच अन्य नेताओं के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले में उन्हें आरोपी के रूप में तलब किया गया था.
इनपुट : भाषा
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