दिल्ली सरकार ने राज्य में लागू आबकारी नीति को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि फिलहाल राज्यभर में पुरानी आबकारी नीति ही लागू रहेगी. बता दें कि पुरानी आबकारी नीति 31 जुलाई को ही एक्साइज पॉलिसी खत्म हो रही थी. लेकिन सरकार के इस फैसले के बाद अब इसे ही आगे भी जारी रखा जाएगा. सूत्रों के अनुसार दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पुरानी आबकारी नीति को जारी रखने को लेकर मुख्य सचिव को भी आदेश दिया है.
उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि 6 महीने के भीतर एक नई एक्साइज पॉलिसी बनाकर कैबिनेट के सामने पेश करें. साथ ही जब तक नई एक्साइज पॉलिसी नहीं आ जाती तब तक दिल्ली में पुरानी आबकारी नीति के तहत शराब की बिक्री सुचारू रूप से होती रहे यह भी सुनिश्चित करना मुख्य सचिव की ही जिम्मेदारी होगी.
बता दें कि कुछ दिन पहले ही दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति पर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हुआ था. दिल्ली के एलजी ने इस आबकारी नीति में भ्रष्टाचार की शिकायत सीबीआई से करने का फैसला किया था . बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता और सांसद रमेश बिधूड़ी से साथ सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया के बंगले के बाहर प्रदर्शन किया था. पुलिस इनको रोकने की जब कोशिश की तो कार्यकर्ताओं ने धक्का-मुक्की की. दिल्ली के एलजी ने नई आबकारी नीति में भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया था. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष समेत केंद्रीय मंत्रियों ने आम आदमी पार्टी पर आरोपों की झड़ी लगा दी थी.
आम आदमी पार्टी का आरोप था कि सत्येंद्र जैन की तरह बीजेपी डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया को भी झूठे मामलों में फंसाकर जेल भेजना चाहती है. कुछ दिन पहले खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर आरोप लगाया था कि मनीष सिसौदिया जैसे ईमानदार आदमी को बीजेपी जेल भेजना चाहती है. दिल्ली सरकार की सफाई है नई आबकारी नीति में किसी भी तरह का भ्रष्टाचार नहीं है. आम आदमी पार्टी और बीजेपी कॉ इस राजनीतिक लड़ाई में कांग्रेस क्यों पीछे रहे लिहाजा कांग्रेस ने भी मनीष सिसौदिया के घर के बाहर प्रदर्शन किया था. कांग्रेस का आरोप है कि दिल्ली में जगह जगह शराब की दुकानों खुलवाई गई.
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