
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
प्रधान न्यायाधीश अल्तमस कबीर ने शनिवार को कहा कि गत वर्ष 16 दिसंबर को हुई दिल्ली सामूहिक बलात्कार की घटना ‘एकमात्र’ नहीं थी बल्कि कई घटनाओं में से एक थी।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कबीर ने कहा, ‘‘दिल्ली में 16 दिसंबर को जो कुछ हुआ वह दुखद और गलत था और कुछ असाधारण था लेकिन साथ ही यह एकमात्र घटना नहीं थी। इसे एक रूप में विशिष्ट स्थिति बना दी गई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘निर्भया या दामिनी नाम की लड़की जिसकी बर्बर हमले में मृत्यु हो गई वह एकमात्र घटना नहीं थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगले दिन समाचार पत्रों ने घटना के खिलाफ आक्रोश में चीख पुकार मचाई लेकिन उसी दिन 10 वर्षीय दलित लड़की से सामूहिक बलात्कार और उसके बाद उसे जला दिए जाने की घटना को अंदर के पन्ने पर सिर्फ पांच से दस लाइनों में जगह दी गई।’’
उन्होंने आश्चर्य के साथ कहा, ‘‘दिल्ली सामूहिक बलात्कार पीड़िता के परिवार को सरकारों और विभिन्न निकायों ने भारी मुआवजा दिया। लेकिन उस छोटी दलित लड़की का क्या हुआ। क्या उसके परिवार को कुछ मिला।’’
सीजेआई ने कहा, ‘‘हमें इन लोगों को पूर्ण नियंत्रण में लेने की आवश्यकता है ताकि यह दर्शाया जा सके कि महिलाओं से निपटने का यह तरीका नहीं है।’’
कबीर ने कहा कि समाज को आदर्श बनाने की आदत है। कबीर ने कहा, ‘‘मुख्य मुद्दा महिलाओं के प्रति पुरुषों की विचित्र मानसिकता का है।’’
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं