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किसानों पर पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले, कई घायल... शंभू बॉर्डर पर बढ़ा तनाव

किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए मार्च कर रहे हैं. वे केंद्र पर अपने मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत करने का भी दबाव बना रहे हैं.

किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए मार्च कर रहे हैं.

नई दिल्‍ली/ चंडीगढ़:

किसान एक बार फिर पीछे हट गए हैं, पुलिस का सुरक्षा घेरा वे आज भी नहीं तोड़ पाए. किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले और पानी की बौछार का इस्‍तेमाल किया. पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू विरोध स्थल से 101 किसानों का जत्था शनिवार को दोपहर 12 बजे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के इरादे से दिल्ली के लिए अपना पैदल मार्च फिर से शुरू किया. हालांकि, कुछ मीटर आगे बढ़ने के बाद ही प्रदर्शनकारी किसानों को हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाए गए बैरिकेड़ों से रोक दिया गया. उन्होंने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार कीं. जानकारी के मुताबिक आंसू गैस के गोले दागने से 10 किसान घायल हो गए और उन्हें प्रदर्शन स्थल पर खड़ी एंबुलेंसों से नजदीकी अस्पताल ले जाया गया. इसके बाद किसान नेताओं ने अपने जत्‍थे को वापस बुला लिया है.  

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बता दें शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर किसानों का विरोध मार्च फिर से शुरू होने से कुछ घंटे पहले ही हरियाणा सरकार ने ‘सार्वजनिक शांति' बनाए रखने के लिए अंबाला जिले के 12 गांवों में मोबाइल इंटरनेट और एक साथ कई एसएमएस भेजने की सेवाओं को निलंबित कर दिया था. अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सुमिता मिश्रा द्वारा जारी आदेश के अनुसार यह निलंबन 17 दिसंबर तक लागू रहेगा. 

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"किसानों को अदालत की बात माननी चाहिए"

हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा कि किसानों को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई का हवाला देते हुए अस्थायी रूप से अपना विरोध प्रदर्शन रोक देना चाहिए. अनिल विज ने कहा कि शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए कुछ समय मांगा है और सुझाव दिया है कि किसान अपना विरोध प्रदर्शन रोकने पर विचार करें.

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क्या हैं किसानों की मांग

किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए मार्च कर रहे हैं. वे केंद्र पर अपने मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत करने का भी दबाव बना रहे हैं.

सुरक्षा बलों द्वारा दिल्ली की ओर बढ़ने के उनके प्रयासों को रोकने के बाद, किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं

हरियाणा की सीमा पर सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती की गई है. इससे पहले हरियाणा सरकार ने छह से नौ दिसंबर तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, एक साथ कई एसएमएस भेजने की सेवाएं निलंबित कर दी थीं. शनिवार को जारी एक नए आदेश में मिश्रा ने कहा, ‘‘मुझे प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, मैं वॉइस कॉल को छोड़कर मोबाइल इंटरनेट सेवाओं, बल्क एसएमएस और मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली सभी डोंगल सेवाओं को निलंबित करने का आदेश देती हूं.''

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किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ी

इस बीच, खनौरी सीमा पर 18 दिनों से अधिक समय से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत काफी बिगड़ गई है. उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने वजन कम होने और अस्थिर ब्लड प्रेशर की सूचना दी है. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और केंद्र सरकार को डल्लेवाल के लिए चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करने का निर्देश दियाय कोर्ट ने कहा उनका जीवन आंदोलन से ज्यादा महत्वपूर्ण है. यह सुझाव भी दिया कि किसान विरोध के लिए गांधीवादी तरीके अपनाएं.

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