विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Oct 17, 2023

दिल्ली आबकारी नीति केस : सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मनीष सिसोदिया को बेमुद्दत जेल में नहीं रख सकते

न्यायमूर्ति खन्ना ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से कहा, आरोप पर बहस अब तक क्यों शुरू नहीं हुई है और यह कब शुरू होगी? हमें कल (मंगलवार) तक बताएं.

Read Time: 5 mins
दिल्ली आबकारी नीति केस : सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मनीष सिसोदिया को बेमुद्दत जेल में नहीं रख सकते
दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने सोमवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) से कहा कि वे दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मामलों में पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को 'अनिश्चित अवधि' के लिए जेल में नहीं रख सकते हैं.

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने दोनों जांच एजेंसियों की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजे) एसवी राजू से पूछा कि सिसोदिया के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर निचली अदालत में बहस कब शुरू होगी?

पीठ ने राजू से कहा, 'आप उन्हें अनिश्चित अवधि तक (सलाखों के) पीछे नहीं रख सकते हैं. आप उन्हें इस तरह जेल में नहीं रख सकते. किसी मामले में आरोप पत्र दायर हो जाने के बाद, आरोपों पर बहस तुरंत शुरू होनी चाहिए.'

राजू ने पीठ को बताया कि सिसोदिया के खिलाफ मामले दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 207 (आरोपी को दस्तावेजों की आपूर्ति) के चरण में हैं और उसके बाद आरोपों पर बहस शुरू होगी. न्यायमूर्ति खन्ना ने राजू से कहा, 'आरोप पर बहस अब तक क्यों शुरू नहीं हुई है और ये कब शुरू होगी? हमें कल (मंगलवार) तक बताएं.'

शीर्ष अदालत सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी. उन्हें सीबीआई और ईडी ने आबकारी नीति से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया है. दोनों एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं.

घंटे भर चली सुनवाई के दौरान, राजू ने कहा कि अगर उपमुख्यमंत्री स्तर का कोई शख्स जो आबकारी विभाग सहित 18 विभाग संभाल रहा है और रिश्वत ले तो एक उचित उदाहरण स्थापित करने की जरूरत है.

सिसोदिया को ज़मानत क्यों नहीं देनी चाहिए, इस पर राजू ने कहा, “ जरा इनकी भूमिका पर नजर डालिए. नीतिगत बदलाव से उपभोक्ता अपने पैसे से वंचित हुए. धनशोधन की साजिश दिखाने के लिए व्हाट्सएप चैट और अन्य बातचीत हैं.”

राजू ने दावा किया कि धन शोधन के अपराध को दिखाने के लिए सामग्री है और अपने मोबाइल फोन को नष्ट करके सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप को पुष्ट करने के लिए भी पर्याप्त सामग्री है, जो जमानत से इनकार करने के लिए काफी है.

उन्होंने कहा, 'दबाव डालने का भी एक मामला था जहां एक थोक व्यापारी को अपना लाइसेंस छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था और मानदंडों पर खरी नहीं उतरने वाली कंपनी को लाइसेंस दिया गया.'

राजू ने दिल्ली के कारोबारी दिनेश अरोड़ा के बयान का हवाला दिया और दावा किया कि उन्होंने जांच एजेंसियों को बताया था कि सिसोदिया ने रिश्वत ली थी. अरोड़ा आरोपी से सरकारी गवाह बना है. एएसजी ने कहा, ''उन्होंने (अरोड़ा) अपने बयान में कहा है कि उन्होंने सिसोदिया की भूमिका का पहले जिक्र क्यों नहीं किया और कहा कि उन्हें डर था कि उन्हें नुकसान पहुंचाया जाएगा.''

पीठ ने पूछा कि क्या भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए के तहत सिसोदिया के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पूर्व अनुमति ली गई है, जिस पर राजू ने हां में जवाब दिया.

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए में यह प्रावधान किया गया है कि लोकसवक के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में जांच के लिए सक्षम अधिकारी से पूर्व मंजूरी लेनी होगी.

राजू ने आरोप लगाया कि नई आबकारी नीति ने गुटबंदी को बढ़ावा दिया है और इसे इस तरह से बनाया गया था कि उपभोक्ताओं को अधिक पैसा चुकाना पड़े.

सुनवाई बेनतीजा रही और मंगलवार को भी जारी रहेगी.

पांच अक्टूबर को, शीर्ष अदालत ने दिल्ली आबकारी नीति 'घोटाले' के बारे में सीबीआई और ईडी से कई सवाल पूछे थे और धनशोधन रोधी एजेंसी से पूछा था कि सिसोदिया के खिलाफ मामला कैसे बनाया गया.

सिसोदिया को 26 फरवरी को 'घोटाले' में उनकी कथित भूमिका के लिए सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. तब से वह हिरासत में हैं. इसके बाद ईडी ने नौ मार्च को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. सिसोदिया ने दिल्ली कैबिनेट से 28 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
पहाड़ से मैदान तक हो रही जोरदार बारिश; दिल्ली में कैसे बगैर बरसात बाढ़ की आशंका? उत्तराखंड में 92, हिमाचल में 77 रोड बंद
दिल्ली आबकारी नीति केस : सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मनीष सिसोदिया को बेमुद्दत जेल में नहीं रख सकते
चंद्रशेखर ने बहुजनों के लिए निजी क्षेत्र में मांगा आरक्षण, इसलिए की 'चमार रेजिमेंट' की चर्चा
Next Article
चंद्रशेखर ने बहुजनों के लिए निजी क्षेत्र में मांगा आरक्षण, इसलिए की 'चमार रेजिमेंट' की चर्चा
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;