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This Article is From Mar 23, 2024

'तत्काल सुनवाई नहीं', अरविंद केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट अगले सप्ताह करेगा विचार

AAP प्रमुख को कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को गिरफ्तार किया था.

'तत्काल सुनवाई नहीं', अरविंद केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट अगले सप्ताह करेगा विचार
नई दिल्ली:

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर तत्काल सुनवाई के अनुरोध को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने अपनी गिरफ्तारी के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय को 7 दिनों के लिए अपनी हिरासत देने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी. प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेजने के रिमांड आदेश को अवैध बताते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है. AAP प्रमुख को कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को गिरफ्तार किया था. शुक्रवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने एजेंसी को सात दिन की हिरासत दी थी.

सूत्रों के अनुसार, उच्च न्यायालय में अरविंद केजरीवाल की याचिका में उनकी गिरफ्तारी और हिरासत को अवैध बताया गया, हिरासत से तुरंत रिहाई का अनुरोध किया गया.

दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को राउज एवेन्‍यू कोर्ट ने सात दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की रिमांड पर भेज दिया है. केजरीवाल को अब 28 मार्च को कोर्ट में पेश किया जाएगा. हालांकि ईडी की ओर से 10 दिन की रिमांड मांगी गई थी. केजरीवाल को कल शराब नीति मामले में ईडी ने उनके घर से गिरफ्तार किया था, जिसके बाद आज उन्‍हें राउज एवेन्‍यू कोर्ट में पेश किया गया. 

राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में 28 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया. ईडी ने अदालत में दावा किया कि कथित आबकारी घोटाला मामले में अपराध से अर्जित कमाई की ‘‘बड़ी लाभार्थी'' रही आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा धनशोधन कराए जाने के लिए केजरीवाल ने दिल्ली का मुख्यमंत्री होने का फायदा उठाया.

राउज एवेन्यू अदालत में विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा के समक्ष ईडी ने केजरीवाल की हिरासत का अनुरोध करते हुए कहा, ‘‘दिल्ली सरकार के मंत्रियों, आप नेताओं और अन्य व्यक्तियों के साथ सांठगांठ करने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली आबकारी घोटाले के सरगना और मुख्य षड्यंत्रकारी हैं.''मामले में ईडी की दो साल की जांच के दौरान यह पहली बार है जब एजेंसी ने दावा किया है कि आप ‘‘प्रमुख लाभार्थी'' थी.

केजरीवाल की 10 दिन की हिरासत की मांग करने वाली ईडी की याचिका पर दलीलों के दौरान, मुख्यमंत्री की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने दावा किया कि आबकारी नीति मामले में 200 से अधिक छापों के बावजूद आप नेता की अपराध में संलिप्तता दिखाने वाली कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली.

अधिवक्ता ने कहा कि यह साबित करने के लिए कोई सबूत या सामग्री नहीं है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आबकारी नीति में कुछ गलत किया या कोई लाभ प्राप्त किया. उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी ने राजनीतिक प्रतिशोध के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपने अधिकार का दुरुपयोग किया है.

ईडी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 तैयार करने और लागू करने के लिए 'साउथ ग्रुप' से रिश्वत के रूप में कई करोड़ रुपये मिले.

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